उत्तराखंड से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 24)

कार्तियपुर राजवंश (कत्यूरी वंश) का अंतिम शासक वीरदेव था, जिसे जागरों में वीरमदेव के नाम से भी जाना जाता है।
यौधेय शासकों की मुद्राएँ उत्तराखंड में जौनसार-भाबर देहरादून, कालों डांडा, लैंसडाउन व पौड़ी गढ़वाल से प्राप्त हुई है। यौधेय शासकों व कुणिंद शासक एक दूसरे के समकालीन थे।
कुणिंद वंश का सबसे शक्तिशाली शासक अमोघभूति था।
अल्मोड़ा नगर की स्थापना चंद वंशीय शासक भीष्मचंद ने की थी।
वर्ष 1868 में उत्तराखंड से प्रकाशित होने वाला प्रथम हिन्दी समाचार पत्र समय विनोद था, जिसके संस्थापक जयदत्त जोशी थे।
जोगिन चोटी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
गढ़वाली भाषा में प्रकाशित होने वाली अंगारा एक प्रमुख समाचार पत्रिका थी।
बाबा मोहन उत्तराखंडी द्वारा  ने गैरसैंण को उत्तराखंड की राजधानी बनाने के लिए सर्वाधिक 38 दिन तक अनशन किया गया। 9 अगस्त 2004 को नैनीताल में बाबा मोहन उत्तराखण्डी की मृत्यु हो गयी।
मुठभेड़ उपन्यास की रचना शैलेश मटियानी द्वारा की गयी थी।
17 अगस्त 2002 को देवेन्द्र बिष्ट द्वारा उत्तराखंड खाद्यी ग्रामों उद्योग बोर्ड का गठन किया गया।
क्षीरा गीत, उत्तराखंड के शौका क्षेत्र (मुनस्यारी तहसील, पिथौरागढ़) में प्रमुख रूप से प्रचलित है।
ब्रह्मकमल (Brahmakamal) को हिमाचल प्रदेश में दूधाफूल के नाम से जाना जाता है।
डॉ. अनुमिता अग्रवाल (उत्तराखंड) को भारत शिक्षा रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
दिव्या रावत को मशरूम लेडी के नाम से जाना जाता है तथा  वर्ष 2016 में दिव्या रावत को उत्तराखण्ड नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
हिमालयी पर्यावरण अध्ययन एवं संरक्षण संगठन (हेस्को) को बायो टेक्नोलोजी सोशल डेवलपमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस NGO (हेस्को) के संस्थापक अनिल जोशी है।
जागर गायिका बंसती बिष्ट को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अहिल्या देवी पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है।
उमा देवी मंदिर उत्तराखंड के कर्ण प्रयाग (चमोली) में स्थित है।

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