वर्ष 1930 में अमन सभा की स्थापना लैंसडाउन (पौड़ी-गढ़वाल) में की गयी थी। इसी सभा के अनुरोध पर सर सर मैल्कम हेली (Malcolm Hailey) पौड़ी आये थे।
वर्ष 1913 में कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जनपद में कुमाऊं शिल्पकार सुधारिणी सभा का गठन किया गया था।
वर्ष 1911 में, हरिप्रसाद टम्टा ने दलितों को शिल्पकार शब्द से संबोधित किया था।
23 अप्रैल 1930 को हुए पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली थे। इस गढ़वाल सैनिकों के अंग्रेज कमांडर कैप्टन रिकेट थे।
वर्ष 1942 में वीर केसरी चन्द, आजाद हिन्द फौज में शामिल हुये थे।
खच्चर सेना की स्थापना ब्रिटिश कमिश्नर ट्रेल ने की थी।
वर्ष 1857 में ब्रिटिश कमिश्नर हेनरी रैम्जे द्वारा कैदियों से कुली बेगार करवाई गयी थी। सर्वप्रथम वर्ष 1840 में कुली बेगार के खिलाफ आवाज लोहाघाट में उठायी गयी थी।
वर्ष 1921 में कुली बेगार आंदोलन के समय कुमाऊं का कमिश्नर डायबिल था।
स्वामी विचारानन्द ने अभय नामक पत्रिका का संपादन वर्ष 1922 में किया था।
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