उत्तराखंड से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 27)

सिख गुरु महंत रामसेवक को कढ़ाई दीप परीक्षा से गुजरना पड़ा था।
वर्ष 1890 में नैनीताल में बोट हाउस क्लब (Boat House Club) की स्थापना की गयी थी।
पौड़ी (उत्तराखंड) टेली रेडियोलॉजी सुविधा की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य है।
वर्ष 1982 उत्तराखंड के कांचुला खर्क, गोपेश्वर, चमोली में कस्तुरी मृग प्रजनन एवं संरक्षण केन्द्र की स्थापना की गयी थी।
गढ़वाल के शासक पृथ्वीपति शाह के शासनकाल में मुगल शहजादा सुलेमान शिकोह ने दो चित्रकारों तुंवर श्यामदास व उनके पुत्र हरदास के साथ गढ़वाल में शरण ली।
हरदास के वंशज (हीरालाल – मंगतराम – मोलाराम) गढ़वाल शैली के विकास में लगे रहे ।

Note: कुंवर प्रीतम शाह मोलाराम से चित्रकला सीखने टिहरी से श्रीनगर जाते थे।

गढ़वाल शैली के प्रसिद्ध चित्रकार मणाकू ने वर्ष 1730 में जयदेव के गीत गोविन्द (आंख मिचौली) का चित्रण  किया
मिट्टी से निर्मित देवी-देवताओं के रंग-बिरंगी मूर्तियों को डिकोर (डिकरा) कहते है।
उत्तराखंड में चर्मशिल्प (चमड़े) का कार्य करने वालों को स्थानीय भाषा में बाड़ई या शारकी कहा जाता है।
उत्तराखंड में स्थानीय भैंसा को अठवाड़ भी कहा जाता है।
वर्ष 2011 में फुटबॉल को उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य खेल घोषित किया गया।
ग्रियर्सन ने गढ़वाली बोली को 8 उपबोलियों में विभक्त किया है।
बद्रीनाथ में शंख ध्वनि नहीं बजायी जाती है।
वर्ष 2001 में CII द्वारा उत्तराखंड सरकार को पार्टनर स्टेट का दर्जा।
टाम कारयट द्वारा हरिद्वार को किसने शिव मंदिर की राजधानी कहा गया है, तथा देहरादून को शिव की भूमि कहा जाता है।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में निवास करने वाली राजी जाति (बनरावत) के प्रमुख देवता मलनाथ मल्लिकार्जुन है।
दाबका नदी का उद्गम गरमपानी नामक स्थान से होता है।
उत्तराखंड राज्य मंत्रीपरिषद् में अधिकतम 12 मंत्री हो सकते है।
भागीरथी पाण्डे और देवकीनन्द पाण्डे द्वारा ताड़ीखेत अल्मोड़ा में प्रेम विद्यालय की स्थापना की गयी थी।
मांगल गीत को गढ़वाल का सबसे प्राचीनतम गीत कहा जाता है।
ब्रह्मकमल की सर्वाधिक ऊंचाई पर पायी जाने वाली प्रजाति फेन कमल है।
बाजूबंद गीत एक प्रणय गीत है, जिसे मुख्यत: पेड़ों के नीचे गाया जाता है।
नंदा देवी राजजात यात्रा को हिमालय का कुंभ भी कहा जाता है।
झूमेलो गीत, गढ़वाल क्षेत्र का एक प्रसिद्ध गीत है  जिसमें नारी वेदना और नारी सौन्दर्य की झलक मिलती है।
वर्ष 1935 में सतीश रंजन दास द्वारा उत्तराखंड में प्रथम पब्लिक स्कूल (दून पब्लिक स्कूल) की स्थापना की गयी थी।
वर्ष 2009 में शैलेश मटियानी पुरस्कार की शुरूआत की गयी, यह पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में दिया जाता है।
वर्ष 1517 ई. में गुरू नानक ने उत्तराखंड की यात्रा की थी।
वर्ष 1865 में देहरादून में तार सेवा (Postal Service) की शुरुआत की गयी थी।

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