वारसु घाटी, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
झुम्पा, उत्तराखंड राज्य का प्रथम म्यूजिक विडियो एल्बम है, जिसके निर्माता गणेश वीरान है।
पूर्णागिरि मंदिर, अन्नापूर्णा शिखर (टनकपुर, चंपावत) पर स्थित है।
सेमदेव नामक स्थल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। सैमदेव नामक स्थल पर ही बौराणी मेले का आयोजन किया जाता है।
पंचकोसी वारुणी यात्रा का आयोजन उत्तरकाशी जिले में किया जाता है, जिसका अंतिम पड़ाव गंगारी क्षेत्र (गंगरी क्षेत्र) है। इस यात्रा का वर्णन स्कंदपुराण के केदारखंड में भी मिलता है।
रावण शिला, रुद्रप्रयाग जनपद में तुंगनाथ मंदिर के समीप स्थित है।
हेमगंगा नदी का उद्गम, हेमकुंड साहिब (चमोली) से होता है।
मारछा जनजाति का ग्रीष्मकालीन आवास माणा (चमोली) है, इस जनजाति को कुमाऊँ क्षेत्र में भोटिया कहा जाता है।
गैरसैण (चमोली) कुमाऊं तथा गढ़वाल के ज्यामितीय केंद्र बिन्दु पर स्थित है।
जाख मेले का आयोजन प्रतिवर्ष रुद्रप्रयाग जनपद में किया जाता है। इस मेले में जलते अंगारों पर नृत्य किया जाता है।
गोपीनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के गोपेश्वर (चमोली जिले) में स्थित है। यह एक प्राचीन शिव मंदिर है, जिसका निर्माण गणपति नाग द्वारा किया गया था।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में प्रत्येक वर्ष गंगावाडस्यू मेले का आयोजन किया जाता है।
हिना भैरव घाटी नामक पर्यटक स्थल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
कुर्मांचल केसरी नामक समाचार पत्र का प्रकाशन हल्द्वानी से होता था। जिसका संपादन बद्री दत्त पांडेय द्वारा किया जाता था।
थारू जनजाति की महिलाएँ स्वयं को रानी पद्मावती का वंशज मानती है।
वर्ष 2004 में टिहरी बांध में भूस्खलन हुआ था।
परमवीर चक्र प्राप्तकर्ता मेजर शैतान सिंह भारतीय सेना की 13वी कुमाऊं बटालियन से सम्बन्धित थे। मेजर शैतान सिंह भाटी का जन्म 1 दिसंबर 1924 को जोधपुर (राजस्थान) में हुआ था।
हुकुम सिंह रावत द्वारा कंचनचंघा नामक पुस्तक की रचना की गयी थी।
उत्तराखंड राज्य के टिहरी जनपद में गंगपरिया बोली, बोली जाती है।
टीका सिंह कन्याल तथा नर सिंह धावक, सल्ट क्रांति से सम्बन्धित थे।
विद्यासागर नौटियाल द्वारा टिहरी की कहानी नामक पुस्तक की रचना की गयी थी।
वर्ष 1985 में नैनीताल रज्जु मार्ग (रोपवे) की स्थापना की गयी थी।
वर्ष 2010 में परिमार्जन नेगी को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा 6 फरवरी 2003 को उत्तराखंड स्वास्थ एवं जनसंख्या नीति की घोषणा की गयी थी।
ठाकुर लाल सिंह उत्तराखंड राज्य के प्रथम रायबहादुर तहसीलदार थे।
देहरादून क्रिकेट स्टेडियम को उत्तराखंड की ऐपण कला के अनुसार सजाया गया है।
वनिया कुंड, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।
चन्द्रेश्वर मंदिर उत्तराखंड के द्वाराहाट (अल्मोड़ा जिले) में स्थित है।
ईको कैव पार्क (ECO Cave Park) उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है।
कत्यूरी शासन काल में गिरिद्वारों के रक्षकों को घटपाल कहा जाता था।
वर्ष 1962 में नैनीताल को उत्तर प्रदेश की ग्रीष्म कालीन राजधानी बनाया गया था।
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