- टांड कर – यह कर वस्त्र बुनकरों से लिया जाता था।
- कटक कर – यह कर सेना के रख-रखाव के लिए लिया जाता था।
- बैकर कर – यह कर अनाज के रूप में लिया जाता था।
- कनक कर – इस कर का उल्लेख मूनाकोट ताम्रपत्र में है, यह कर व्यापारियों से स्वर्ण धूल के रूप में लिया जाता था।
- पहरी या पौरी कर – यह कर राजधानी व प्रमुख गाँवों की रखवाली करने वालों को देय होता था।
- बखरिया कर – यह प्रत्येक गाँव से लिया जाने वाला कर था।
- घोडयालो कर – यह कर राजा के घोड़ों के रख-रखाव के लिए लिया जाता था।
- कुकुरालो कर – यह कर राजा के कुत्तों के रख-रखाव के लिए लिया जाता था।
- चोपदार कर – यह कर राजा की व्यक्तिगत वस्तुओं (जैसे – तलवार व ढाल आदि) के लिए लिया जाता था।
- बाजदार कर – यह कर महाजन को देय होता था।
- बजनिया कर – यह कर राजा के दरबार में नृत्य करने वाले नर्तक व नर्तकियों के लिये लिया जाता था।
- राखिया कर – यह कर रक्षाबंधन व जनेऊ पर लिया जाता था।
- मांगा कर – यह कर युद्ध के समय लिया जाने वाला कर था, जो 1 रुपया प्रति व्यक्ति लिया जाता था।
- सिरतोकर कर – यह अनाज के रूप में लिया जाने वाला कर था।
- खैनी कपिलनी कर – यह कुली बेगार कर था।
- भेंट कर – यह राजकुमारों को भेंट स्वरुप दिया जाने वाला कर था।
- कुशही कर – गोरखा शासन यह ब्राह्मणों से लिया जाने वाला कर था।
- स्यूक कर – यह कर राज सेवकों के लिए लिया जाता था।
- सीकदार नेगी – यह कर परगना अधिकारी को दिया जाता था।
- हिलयानी अधूल – यह कर बरसात में सड़कों की मरम्मत के लिए लिया जाता था।
- डाला कर – यह कर सयानों को अनाज के रूप में दिया जाने वाला कर। मिझारी– कामगारों से लिया जाने वाला कर।
- खैकर कर – खेती करने के बदले राजा को दिया जाने वाला कर
- घी कर – यह कर दूध देने वाले जानवरों पर लिया जाता था।
- मौ कर – यह कर मधुमक्खी (honey bee) पालन करने वालों से लिया जाता था।
- भात कर – यह कर भात (चावल) की दावत पर लिया जाता था।
- गौ-चराई कर – यह कर गाय की चराई पर लिया जाता था।
- भैंस कर – यह कर अंग्रेज़ कमिश्नर ट्रेल द्वारा लगाया गया था, जो सालाना प्रत्येक भैंस पालने वाले परिवारों को देना होता था।
- व्यापार कर – यह कर नमक व कस्तूरी के व्यापार पर लिया जाता था।
- खान कर – यह कर तांबा निकालने वालों से लिया जाता था।
- न्यौवाली कर – यह कर न्याय पाने की इच्छा रखने वालों से लिया जाता था।
- जगरिया कर – यह कर जागर लगाने वालो से लिया जाता था।
- रोल्या देवल्या कर – यह कर देवी-देवताओं की पूजा करने पर लिया जाता था।
- भाग कर – यह कर घराटों (गेहूँ पीसने वाली पानी की चक्की) पर लिया जाता था।
- रंतगली कर – यह लेखकों से लिया जाने वाला कर था।
Latest from Blog
संघ लोक सेवा आयोग UPSC (Union Public Service Commission) द्वारा आयोजित Civil Services Prelims Exam (Paper 1),…
The Uttar Pradesh Public Service Commission conducts the Uttar Pradesh Combined State/Upper Subordinate Exam (UPPSC). UPPCS…
भारतीय संविधान के अनुच्छेद – 110 में धन विधेयक (Money Bill) की परिभाषा दी गई है। …
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) द्वारा 11 June 2023 को UKPSC Forest SI Exam परीक्षा का आयोजन…
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) द्वारा 5 March 2023 को UKPSC Junior Assistant…