अक्रिय गैसें (Inert gases)

हीलियम (Helium – He)

परमाणु क्रमांक (Atomic Number) – 2, परमाणु भार (Atomic Weight) – 4

सर्वाधिक हल्की होने के कारण हीलियम गैस (helium gas) का प्रयोग मौसम संबंधी गुब्बारे तथा वायुयान  (aircraft) के टायरों में भरने के लिए किया जाता है।

समुद्री गोताखोर तथा दमा रोगी को कृत्रिम श्वसन के लिए हीलियम (Helium) तथा ऑक्सीजन (oxygen) का मिश्रण दिया जाता हैं।

हीलियम का अन्य उपयोग कम्पास (compass), नाविक यन्त्रों (Navigator), परमाणु रिएक्टर (atomic reactor), वेल्डिंग (welding) आदि कार्यों में किया जाता है।

नियॉन (Neon – Ne) 

नियॉन (Neon) को नूतन गैस (new gas) के नाम से भी जाना जाता है।

विद्युत बल्बों (electric bulbs) में कम दाब पर नियॉन (Neon) भरे होने के कारण बल्बों में नारंगी रंग (orange color) की तेज रोशनी उत्पन्न होती हैं। जिसके कारण वायुयानों में संकेत संप्रेषण (signal transmission ) के प्रकाश बल्बों में नियॉन (Neon) का प्रयोग किया जाता है।

विभिन्न रंगों के प्रकाश उत्पन्न करने के लिएविज्ञापन चिन्हों में नियॉन गैस (Neon gas) का प्रयोग किया जाता है।

आर्गन (Argon – Ar) : 

इसे सुस्त गैस (sluggish gas) भी कहा जाता है।

विद्युत बल्बों (electric bulbs) में आर्गन गैस  (Argon gas) भरी जाती है क्योंकि इसकी उपस्थिति में तन्तु (Filament) का जीवन काल बढ़ जाता है।

रेडॉन (Radon – Rn)

कैंसर के रेडियोएक्टिव उपचार (Radio therapy) के लिए किया जाता है। वर्तमान में कैंसर के रेडियोएक्टिव उपचार (Radio therapy) के लिए कोबाल्ट-60 (Co-60) का उपयोग किया जाता है। इससे गामा किरणें (gamma rays) निकलती हैं जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने की क्षमता रखती हैं।

Note : 
  • रेडॉन गैस (Radon gas), वायुमण्डल (atmosphere) में नहीं पायी जाती है। इसका अविष्कार डार्न (Darn) ने रेडियम (radium) से किये थे।
  • क्रिप्टान (Krypton) और जीनॉन (Xeonon) का प्रयोग किसी कार्य में नहीं होता हैं। 

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