अन्नापूर्णा नौटियाल को गढ़वाल विश्वविधालय की पहली महिला कुलपति नियुक्त किया गया था।
“कोटली बुग्याल” टिहरी जिले में “पांडव चोटी” के समीप स्थित है। कोटली बुग्याल को अप्सराओं का बुग्याल के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तराखंड संघर्ष वाहिनी द्वारा वर्ष 1948 में नशा नही रोजगार दो का नारा दिया गया था।
गौरा देवी को दादी अम्मा के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
सहकारिकता विभाग द्वारा वर्ष 1972 में जड़ी-बूटी विकास योजना की शुरुआत की गयी थी।
रुद्रप्रयाग निवासी जगत सिंह (जंगली) को वर्ष 2006 में मिश्रित वन खेती के लिए आर्यभट्ट पुरुष्कार से सम्मानित किया गया था। जगत सिंह को मिश्रित वन खेती का जनक भी कहा जाता है।
सुयाल नदी का प्राचीनतम नाम शामली (श्यामली) नदी है।
ई. शेरमोन ओकले (E Sherman Oakley) द्वारा उत्तरायणी मेले को उत्तराखंड का सबसे बड़ा मेला कहा जाता है।
चंद्रशिला बुग्याल, बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर के बीच स्थित एक छोटी सी पर्वत चोटी है, जिसे उत्तराखंड का मून माउंटेन (Moon Mountain) के नाम से जाना जाता है।
माधवी शर्मा एक पर्वतारोही है।
मुनी की रेती (ऋषिकेश) में स्थित खवाद हाउस एकमात्र यहूदी पूजा स्थल है।
वर्ष 1948 में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में वन विभाग की स्थापना की गयी।
प्रत्येक वर्ष 11 सितम्बर को पहाड़ दिवस (Mountain day) के रूप में मनाया जाता है।
वर्ष 1901 में मसूरी वूडस्टोक (Mussoorie Woodstoke) की स्थापना की गयी थी।
अकबर के शासनकाल में तांबो की टकसाल उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित थी।
देवगढ़ स्थित राजराजेश्वरी, पंवारों की कुल देवी थी।
मतिराम द्वारा वृत्त कौमुदी नामक पुस्तक की रचना की गयी थी।
वर्ष 1861 में ब्रिटिश कमिश्नर बैकेट द्वारा घराटों पर कर लगाया था।
सुठिंग बुग्याल उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है।
महाकवि कालिदास द्वारा रचित मेघदूत में फूलों की घाटी (चमोली) को अलका नाम से संबोधित किया गया है।
हिमवीर नामक शार्ट फिल्म केदारनाथ आपदा के दौरान ITBP जवानो द्वारा किए गए बचाव अभियान पर आधारित है।
उत्तराखंड में उज्जवला योजना की शुरूआत 9 जून 2016 को श्रीनगर से की गई थी।
मेकिंग ऑफ वारियर (Making of Warrior), IMA training पर आधारित फिल्म है।
उत्तराखंड पुलिस विभाग द्वारा हाल ही में आतंरिक खेल नीति को लागू किया गया था।
साहिल पंवार व अनिरूद्ध थापा, फुटबॉल खेल से सम्बन्धित है।
Mussoorie Dehradun Development Authority (MDDA) द्वारा हर माह की 15 व 30 तारीख को मानचित्र दिवस मनाने की घोषणा की गयी है।
जे. एस. कालसी (J.S Kalsi) एक ऐथेलेक्टिस रेफरी है।
1 मार्च 1922, को राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (Rashtriya Indian Military College, Dehradun) की स्थापना की गयी थी।
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