लाहौल-स्पीति जिला (Lahaul-Spiti District)

गठन- 1 नवंबर 1966
मुख्यालय- केलांग (पूर्व कल्पा)

भाषा –

  • लाहौल में- लाहोली
  • स्पीति में- तिब्बती गेहवी , चांग्सा , गारा , रंगलोई , मनचाटी, भोटी  
Image Source: onefivenine.com

भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पीति का जिला लाहौल और स्पीति के दो अलग-अलग जिलों से मिलकर बना है। वर्तमान प्रशासनिक मुख्यालय लाहौल में केलांग है। इससे पहले कि दोनों जिलों का विलय किया जाता, कर्दांग लाहौल की राजधानी थी और धंकर स्पीति की राजधानी थी । जिले का गठन 1960 में हुआ था, और यह भारत का चौथा सबसे कम आबादी वाला जिला है।

1840 में, महाराजा रणजीत सिंह ने कुल्लू के साथ लाहौल पर अधिकार कर लिया और 1846 तक उस पर शासन किया जब यह क्षेत्र अंग्रेजों के प्रभाव में आ गया। 1846 से 1940 तक, लाहौल ने कांगड़ा जिले के कुल्लू उप-विभाजन का हिस्सा बनाया और स्थानीय जागीरदारों / ठाकुरों के माध्यम से प्रशासित किया गया।

Table of Contents

जनसांख्यिकी (Demographics):

जनसांख्यिकी 2011 के अनुसार-

  • क्षेत्रफल (Area): 13,833 sq.Km (क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा जिला)
  • जनसँख्या (Population): 31,528 (भारत में चौथा सबसे कम आबादी वाला जिला)
  • पुरुष (Men- जनगणना2011 के अनुसार): 16,455 (52.20%)
  • महिलाएं (Women- जनगणना2011 के अनुसार): 15,073 (47.80%)
  • ग्रामीण जनसंख्या (Rural population):31,528 (100%)
  • शहरी जनसंख्या (Urban population): —-
  • अनुसूचित जाति जनसंख्या (Scheduled caste population): 2,605 
  • अनुसूचित जनजाति जनसंख्या (Scheduled Tribes Population): 24,238
  • लिंग अनुपात (Sex Ratio)((प्रति 1000)):916
  • साक्षरता (Literacy):77.24 % (86.97 % Male and 66.50 % Female)
  • उप मंडल (Sub division): —
  • तहसीलें & उप तहसीलें (Tahsils & Sub-Tehsils): 3
  • विकास खण्ड (Development Section): 2
  • ग्राम पंचायतें (Village panchayats): 204

लाहौल-स्पीति जिले की पर्वत श्रृंखलाएं (Mountain ranges  in Lahaul-Spiti District):

  • हरगारण पर्वत 3850 m
  • श्रृंगला पर्वत 4999 m
  • मुरांगला पर्वत 5060 m
  • लाछांगला पर्वत 5060 m
  • शातलू दा पारपर्वत 5650 m 
  • गेफांग गो पर्वत 6050 m 
  • मुकर बेह पर्वत 6070 m 
  • शिकर बेह पर्वत 6200 m
  • सिरगिला पर्वत 6230 m 
  • गेफांग पर्वत 6400 m 
  • मुलकिला पर्वत– 6520 m

लाहौल-स्पीति जिले की घाटियां (Valleys in Lahaul-Spiti District):

  • चन्द्रा घाटी (इसे रंगोली घाटी भी कहते है)- लाहौल की सबसे ऊँची चोटी घेपन (21000) फ़ीट इसी घाटी में स्थित है।
  • भागा घाटी (स्थानीय नाम – गाहर)- केलांग इसी घाटी में स्थित है।
  • चंद्रा-भागा घाटी (स्थानीय नाम – पतन घाटी)

लाहौल-स्पीति जिले के दर्रे(Passage in Lahaul-Spiti District):

  • राछा दर्रा- 4400 m
  • शिपकिला- 4500 m
  • कुमजुम दर्रा- 4520 m(लाहौल तथास्पीति के मध्य)
  • ललुनी जोत- 5440 m 
  • छोबू दर्रा– भरमोर तथा लाहौल के मध्य
  • बारालाचा दर्रा- लाहौल तथा लद्दाख

लाहौल-स्पीति जिले के ग्लेशियर (Glacier in Lahaul-Spiti District):

  • बड़ा शिगड़ी ग्लेशियर (30 km)-  हिमाचल का सबसे बड़ा ग्लेशियर
  • चन्द्रा ग्लेशियर- यह ग्लेशियर चन्द्रा व् भागा नदियों को सिंचित करता है जो बाद में चिनाब का रूप धारण करती है।
  • केलांग की महिला ग्लेशियर (6061 m)- इसका नामकरण द लेडी ऑफ़ केलांग अंग्रेजी महिला लेडी अलशेनादे द्वारा किया गया।
  • भागा ग्लेशियर- पतन घाटी में स्थित।

लाहौल-स्पीति जिले की नदिया (Rivers in Lahaul-Spiti District):

  • चन्द्रा नदी शिगड़ी से होते हुए तांदी तक बहती है
  • भागा नदी (बारालाचे दर्रे से निकल कर सूरजताल झील में प्रवेश करती है)
  • स्पीति नदी (स्पीति और किनौर की प्रमुख नदी)

लाहौल-स्पीति जिले के झीलें (The Lakes in Lahaul-Spiti District):

  • चंद्र ताल- 4270 m- लोहित्य सरोवर – (1.5 km)
  • सूरज ताल- 4800m – भागा नदी का उद्गम स्थान
  • दीपक ताल- 3750m
  • नीलकंठ झील
  • युनाम सो झील
  • ढंगर झील

लाहौल-स्पीति जिले के मंदिर (Temple in Lahaul-Spiti District):

  • त्रिलोकनाथ मंदिर
  • गुरु घंटाल गोम्पा – यहा जून में घंटाल उतसव मनाया जाता है
  • की गोम्पा- हिमाचल का सबसे ऊंचा व बड़ा गोम्पा
  • मृकुला देवी मंदिर- अजयवर्मन द्वारानिर्माण किया गया
  • तायुल गोम्पा
  • शाशुर गोम्पा
  • गेमूर गोम्पा
  • ढक्कर गोम्पा

लाहौल-स्पीति जिले के मेले व यात्रा (Fair in Lahaul-Spiti District):

  • शोगचुम देइला-पोरी मेला- प्रथम श्रावण को शोगचुम नाम का त्यौहार मनाया जाता है, अगले दिन गोशाल में देइला-पोरी का मेला लगता है
  • घोषय – योर मेला- 
  • मलि मेला- पतन घाटी के तनजाने गावं में मनाया जाता है
  • फागली मेला- स्थानीय भाषा में इसे कुन मेला कहा जाता है
  • लोसर उत्सव- इसे हाल्दा उत्सवे के नाम से भी जाना जाता है
  • लदारचा मेला- किब्बर गावं में लगता हैं
  • सिसू मेला
  • पोरी मेला- त्रिलोकनाथ मंदिर
  • लाहमोयी मेला- आटे के जानवर बनाकर भगवान को समर्पित किये जाते हैं
  • छेश्चू मेला, गुतोर मेला , गोची मेला , लेप्सोल मेला , चेतरोरी मेला

लाहौल-स्पीति जिले का लोक नृत्य एवं लोकगीत (Folk dance and Folk song of Lahaul-Spiti  district)

  • लोकनृत्य: शांद , शाबू , लंगदरमा , शेहनी , घूरे , घारफी (सबसे पुराना

लाहौल-स्पीति जिले की प्रमुख जल विद्युत परियोजना (Major hydroelectric project in Lahaul-Spiti

district):

  • रोंगटोंग परियोजना (2 MW)- स्पीति नदी पर स्थित
  • थिरोट परियोजना (4.50 MW)- थिरोट नाला चिनाब की सहायक नदी पर

लाहौल-स्पीति जिले के कुछ मुख्य तथ्य (Some key facts of Lahaul-Spiti district)

  • 1925 में लाहौल ने प्रति हेक्टेयर आलू उत्पादन में नीदरलैंड को पछाड़ कर पहला स्थान पाया
  • रेसिन अंगूर रिसर्च सब स्टेशन – थिरोट
  • कृठ और मेवे अनुसंधान केंद्र – केलांग
  • छांग – देसी शराब का नाम
  • ल्वाड – कठू के आटे की रोटी
  • छाकचा – नमकीन चाय
  • सरा – एक प्रकार की शराब
  • केसर का उत्पादन लाहौल स्पीति में किया जाता है।
  • सबसे ज्यादा याक लाहौल स्पीति में पाए जाते हैं।
  • सबसे कम सड़क घनत्व लाहौल स्पीति में है।
  • क्षेत्रफल के अनुसार लाहौल स्पीति हिमाचल के सबसे बड़ा जिला है।
  • जनसँख्या के अनुसार सबसे छोटा।
  • सबसे कम उद्योगों वाला जिला लाहौल स्पीति है।
  • मरुस्थल विकास कार्यक्रम – 1978 में शुरु किया गया।
  • विश्व का सबसे ऊंचाई पर स्थित पेट्रोल पंप – काजा पेट्रोल पंप(13500 फुट)।
  • विश्व का सबसे ऊँचा डाकघर – हिक्किम (15000)।

तांदी / टांडी की प्रमुख विशेषता:

  • द्रोपदी ने अपने प्राण यही छोड़ें थे।
  • ऋषि वसिष्ठ को टांडी में दफनाया गया था।
  • सूर्य के बेटे का विवाह चन्द्रमा की बेटी के साथ टांडी में ही हुआ था।

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