मध्य प्रदेश में शिक्षा, रोज़गार एवं कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा समय – समय पर विभिन्न प्रकार की योजनाओं को लागू किया जाता है जो निम्नलिखित है –
प्रतिभा किरण योजना
प्रतिभा किरण योजना का प्रारंभ वर्ष 2008-09 में किया गया। इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्र में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के मेधावी विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर में सुधार करना है। यह लाभ उन विद्यार्थियों को मिलता है, जिन्होंने 12वीं कक्षा की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की हो तथा उसी सत्र में महाविद्यालय (College) में प्रवेश लिया हो। इस योजना के अंतर्गत चयनित छात्राओं को निम्न धनराशि उपलब्ध की जाएगी –
- परंपरागत उपाधि पाठ्यक्रम हेतु राशि 300 प्रतिमाह (10 माह तक)
- चिकित्सा एवं तकनीकी शिक्षा पाठ्यक्रम हेतु धनराशि 750 प्रतिमाह (10 माह तक)
विक्रमादित्य निःशुल्क शिक्षा योजना
विक्रमादित्य निःशुल्क शिक्षा योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के निर्धन छात्र व छात्राओं के कल्याण हेतु इस योजना की शुरुआत वर्ष 2008-09 में की गयी थी। इस योजना का लाभ पाने के लिए मध्य प्रदेश के मूल निवासी तथा सामान्य वर्ग के निर्धन विद्यार्थियों को उक्त सरकारी संस्थाओं में अध्ययन करने पर निर्धारित दर पर शिक्षण संस्थानों के शुल्क में छूट प्रदान की जाती है। योजना का लाभ छात्र व छात्राओं को दिया जाएगा जिनके माता-पिता/अभिभावक की वार्षिक आय 42000 से अधिक न हो।
एकलव्य शिक्षा विकास योजना
एकलव्य शिक्षा विकास योजना का प्रारंभ वर्ष 2008 में तेंदूपत्ता संग्रहकर्ता परिवारों के मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु किया । इस योजना के तहत निम्नलिखित वार्षिक सहायता राशि का प्रावधान हैं –
- 9वीं से 10वीं तक के विद्यार्थियों को 12000 ₹ वार्षिक,
- 11वी से 12वीं के के विद्यार्थियों को 15,000 ₹ वार्षिक
- गैर-तकनीकी विद्यार्थियों को 20,000 ₹ वार्षिक तथा
- व्यावसायिक र, कोर्स के विद्यार्थियों को 50,000 ₹ वार्षिक
m-शिक्षा मित्र एप
m-शिक्षा मित्र एप योजना का प्रारंभ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में m-गवर्नेस को बढ़ावा देने तथा विद्यालयों में विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सितंबर 2015 में इस एप को लांच किया गया। m-शिक्षा मित्र एप के माध्यम से शिक्षकगण अपनी शिकायतों का निवारण करवाना, वेतन पर्ची देखना, अपने विद्यार्थियों ने की छात्रवृत्ति संबंधी जानकारी प्राप्त करना आदि कार्य भी कर सकते हैं।
स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्ग दर्शन योजना
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को अपनी प्रतिभा और योग्यता के अनुरूप सर्वोत्तम कॅरियर का चुनाव करने में सहायता प्रदान करने के लिए इस योजना को प्रारंभ वर्ष 2005-06 किया गया। यह योजना मध्य प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय, स्कूल शिक्षा विभाग के तहत संचालित शासकीय उच्चतर विद्यालय, तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा संचालित पॉलीटेक्निक महाविद्यालय एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) पर प्रभावशील होगी।
इस योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य के युवा बेरोजगार विद्यार्थियों को अनुभवी शिक्षाविदों एवं मार्गदर्शकों द्वारा अपने कॅरियर के चुनाव हेतु उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का शुभारंभ 1 अप्रैल, 2013 को किया गया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार व उद्योग स्थापित करने के लिये वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। इसमें तकनीकी डिप्लोमा प्राप्तकर्ता युवाओं को (18-35 वर्ष की आयु के मध्य) को 10 हजार से 25 लाख तक की आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी।
मध्य प्रदेश इंक्यूबेशन एवं स्टार्टअप नीति – 2016
मध्य प्रदेश सरकार ने भारत सरकार के स्टार्टअप इंडिया’ विज़न के साथ तालमेल रखते हुए एक अनुकूल, अभिनव और तकनीक उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र की परिकल्पना ‘मध्य प्रदेश इंक्यूबेशन और स्टार्टअप पॉलिसी 2016 की रचना के माध्यम से राज्य के भीतर स्टार्टअप संस्कृति को पोषित एवं बढ़ावा देने हेतु की है। | इस नीति का मुख्य उद्देश्य उद्यमिता कौशल के पोषण द्वारा राज्य में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना, साथ ही राज्य में मौजूदा इंक्यूबेशन केंद्रों को मजबूत बनाने के साथ-साथ नई प्रौद्योगिकी से युक्त व्यापार इंक्यूबेशन केंद्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करना तथा राज्य में टिकाऊ और समावेशी सामाजिक-आर्थिक विकास को सक्षम करने और नवीन विचारी को विकसित करने के लिये प्रदेश के युवाओं को प्रोत्सहित करना है।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन योजना
मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन योजना मध्य प्रदेश राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना है जिसका उद्देश्य रोजगार के लिए युवाओं को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना व इस प्रकार की योजनाओं का संचालन करना है। इस योजना में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पूर्ण होने की स्थिति में मेरिट के आधार पर ऑनलाइन प्रणाली से प्रवेश दिया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत विभिन्न पाठयक्रमों के आधार पर प्रशिक्षण की न्यूनतम अवधि 15 दिन से लेकर अधिकतम 9 माह तक होगी। मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन योजना के अंतर्गत 2017-18 से प्रतिवर्ष 2 लाख 50 हजार युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।