महाराणा प्रताप (Maharana Pratap)

  • जन्म – 9 मई 1540, कुम्भलगढ़ किला
  • निधन – 19 जनवरी 1597, चावंड
  • ऊँचाई – 2.26 मीटर
  • बच्चे – अमर सिंह प्रथम, कुंवर दुर्जन सिंह, कुंवर पूरन मल,
  • माता पिता – उदय सिंह द्वितीय, महारानी जयवंता बाई

महाराणा प्रताप सिंह का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ किले में हुआ था। वर्ष 1572 में, चित्तौड़ के राजा उदय सिंह की मृत्यु के पश्चात उनके पुत्र महाराणा प्रताप को सिंहासन पर बैठाया गया।

  • महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह II द्वारा उदयपुर (राजस्थान) शहर की स्थापना की गयी थी।

प्रमुख बिंदु

  • महाराणा प्रताप की ऊंचाई 7 फीट 5 इंच थी, और उनका वजन लगभग 110 किलोग्राम था।
  • उनके सीने के कवच का वजन 72 किलोग्राम और उनके भाले का वजन 81 किलोग्राम था।
  • महाराणा प्रताप की ढाल, भाला, दो तलवार और कवच का कुल वजन लगभग 208 किलोग्राम था।
  • महाराणा प्रताप की ग्यारह पत्नियां, पांच पुत्रियाँ और सत्रह पुत्र थे। उनकी पत्नियों के नाम हैं अजबदे ​​पुंवर, रानी लखबाई, रानी चम्पाबाई झटी, रानी शाहमातिबाई हाड़ा, रानी रत्नावतीबाई परमार, रानी सोलंकीपुरी बाई, रानी अमरबाई राठौर, रानी फूल बाई राठौर, रानी अलमदेबाई चौहान, रानी चौहान, रानी अल्माबाई।
  • महाराणा प्रताप और उनके परिवार को लंबे समय तक जंगल में रहना पड़ा और वे घास से बने चपातियों पर जीवित रहे।
  • महाराणा प्रताप गुरिल्ला युद्ध की रणनीति बहुत कुशल और उन्हें गुरिल्ला युद्ध का जनक भी कहते है।
  • महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था जो बहुत ही वफादार घोड़ा था। हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप का घोडा चेतक उन्हें बचाने के प्रयास में वीरगति को प्राप्त हो गया।
  • महाराणा प्रताप को ‘ब्लू हॉर्स’ के राइडर के रूप में भी सम्मानित किया गया, क्योंकि उनके घोड़े चेतक की नीली आँखें थीं।
  • चेतक के अतिरिक्त राणा प्रताप को एक और जानवर रामप्रसाद नाम हाथी बहुत प्रिय था। रामप्रसाद ने हल्दीघाटी के युद्ध में मुग़ल सेना के कई घोड़ों, हाथियों और सैनिकों को मार डाला और घायल कर दिया।

हल्दीघाटी का युद्ध (Battle of Haldighati)

वर्ष 1576 में हल्दीघाटी का युद्ध में मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप सिंह और अंबर के राजा मान सिंह के बीच लड़ा गया था, जो मुगल सम्राट अकबर के सेनापति थे।

  • हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप का घोडा चेतक उन्हें बचाने के प्रयास में वीरगति को प्राप्त हो गया।

महाराणा प्रताप की पुनर्विजय 

  • वर्ष 1579 के पश्चात, महाराणा प्रताप ने मुगलों को पराजित करते हुए पश्चिमी मेवाड़, कुंभलगढ़, उदयपुर और गोगुन्दा को पुन: विजित किया।
  • इस अवधि के दौरान, उन्होंने अपनी राजधानी को चावंड (वर्तमान डूंगरपुर) में स्थानांतरित किया।

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