बिहार के मैदानी भागों में अनेक प्राकृतिक झीलें पाई जाती हैं। बिहार के उत्तरी भाग में गंगा के मैदान में निम्न ढाल के कारण नदी बहाव अत्यंत मंद हो जाता है। जिस कारण नदी अपने साथ बहाकर लाए गए अवसाद को उसी स्थान पर निक्षेपित कर देती है, इसके फलस्वरूप विसर्पाकार आकृति का निर्माण होने लगता है। विसर्पाकार प्रवाह एवं नदियों के द्वारा मार्ग परिवर्तन के कारण गंगा, बूढ़ी गंडक, कोसी, महानंदा आदि नदियों द्वारा गोखुर झील का निर्माण हुआ है।
उत्तरी बिहार के मैदान में पाई जानेवाली मुख्य झीलों में काँवर झील कुशेश्वर झील, घोघा झील (घोघा चाप), सिमरी बख्तियारपुर झोल, उदयपुर झोल आदि प्रमुख हैं। बिहार में झीलनुमा जलमग्न क्षेत्र को ताल, चौर, मन आदि नामों से भी जाना जाता है। ये जलमग्न क्षेत्र आर्द्रभूमि (Wetland) कहलाते हैं। बिहार की प्रमुख झीलें निम्नलिखित हैं –
काँवर झील
बेगूसराय के मंझौल गाँव में काँवर झील स्थित है। इस झील का क्षेत्रफल 16 वर्ग किलोमीटर है। यह एशिया की सबसे बड़ी गोखुर झील है, जिसका निर्माण गंडक नदी के विसर्पण से हुआ है। इस झील में पाए जाने वाली प्रमुख वनस्पति निम्न है, जिनमें हाइड्रा लेरिसिलाय, पोटोमोगेंटन, वेल्सनेरिया, लेप्लराल्स, निफसा, मिंफोलोड्स, सरपस वेटल्वेरिया आदि प्रमुख हैं। इस झील में सर्दी के दिनों (नवंबर-जनवरी) में साइबेरियाई क्षेत्र के प्रवासी पक्षी आते हैं। प्रमुख पक्षी वैज्ञानिक सलीम अली के अनुसार लगभग 60 प्रजातीय पक्षी मध्य एशिया से सर्दी के दिनों में यहाँ निवास के लिए आते हैं तथा मूल रूप से लगभग 106 प्रजाति के पक्षी यहाँ निवास करते हैं।
कुशेश्वर स्थान झील
कुशेश्वर स्थान झील दरभंगा के कुशेश्वर में स्थित है। जिसका क्षेत्रफल 20 वर्ग किलोमीटर से 100 वर्ग किलोमीटर तक बढ़ता-घटता रहता है। वर्षा काल में जल की अधिकता के कारण झील का अत्यधिक विस्तार हो जाता है।इस झील में कमला, करेह आदि नदियों जल एकत्रित होता है। यह झील मछली उत्पादन का प्रमुख केंद्र है। यहाँ भी प्रवासी पक्षी पेलिकन डालमटिया (Pelicia Dalmatia) तथा साइबेरियन क्रेन (Siberian Cranes) सर्दी के मौसम में प्रवास करते हैं। 1972 ई. में इस झील को पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया है।
घोघा झील
कटिहार जिले के मनिहारी क्षेत्र में घोघा झील स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग 5 वर्ग किलोमीटर है। इस झील के आसपास कई छोटी-छोटी झीलें स्थित हैं।
सिमरी-बख्तियारपुर झील
सिमरी-बख्तियारपुर झील बिहार के सहरसा जिले में स्थित है। जिसका निर्माण कई छोटी-छोटी झीलों के मिलने से हुआ है। इसमें जमुनिया, सरदिया, कुमीबी, गोबरा आदि झीलें प्रमुख हैं।
Note :
काँवर झील झील के पास शोध-कार्य के लिए बर्ड बैडिंग स्टेशन (Bird Banding Station) की स्थापना की गई है।