जन्म :- 31 जनवरी, 1923
मृत्यु :- 3 नवम्बर 1947
मेजर सोमनाथ शर्मा का जन्म 31 जनवरी, 1923 को जम्मू में हुआ था। इनके पिता मेजर अमरनाथ शर्मा सेना में डॉक्टर थे। मेजर सोमनाथ की शुरुआती स्कूली शिक्षा शेरवुड , नैनीताल में हुई।
सोमनाथ ने अपना सैनिक जीवन 22 फरवरी 1942 को इन्हें कुमाऊँ रेजिमेण्ट की चौथी बटालियन में सेकण्ड लेफ्टिनेण्ट के पद पर नियुक्ति मिली। मेजर सोमनाथ शर्मा को डिप्टी असिस्टेण्ट क्वार्टर मास्टर जनरल बनाकर बर्मा (वर्तमान म्यामांर) मोर्चे पर भेजा गया। वहाँ इन्होंने बड़ी कुशलतापूर्वक सेना नेतृत्व किया।
15 अगस्त, 1947 को भारत के स्वतन्त्र होते ही देश का दुखद विभाजन भी हो गया। जम्मू कश्मीर रियासत के राजा हरिसिंह असमंजस अपने राज्य को स्वतन्त्र रखना चाहते थे। इसका लाभ उठाकर पाकिस्तानी सैनिक कबाइलियों के वेश में कश्मीर पर आक्रमण कर अधिकार कर लिया।
वहाँ सक्रिय शेख अब्दुल्ला कश्मीर को अपनी जागीर बनाकर रखना चाहता था। रियासत के भारत में कानूनी विलय के बिना भारतीय शासन कुछ नहीं कर सकता था। राजा हरिसिंह ने जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान के अधिकार में जाता देख, भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर किये।
इसके बाद मेजर सोमनाथ शर्मा की कम्पनी को श्रीनगर के पास बड़गाम हवाई अड्डे की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गयी। वे केवल 100 सैनिकों की अपनी टुकड़ी के साथ नेतृत्व किया और उन्होंने अपने मुख्यालय पर समाचार भेजा कि – “ जब तक मेरे शरीर में एक भी बूँद खून और मेरे पास एक भी जवान शेष है, तब तक मैं लड़ता रहूँगा “।
दोनों ओर से लगातार गोलाबारी हो रही थी। कम सैनिकों और गोला बारूद के बाद भी मेजर की टुकड़ी हमलावरों पर भारी पड़ रही थी। 3 नवम्बर, 1947 को शत्रुओं का सामना करते हुए मेजर सोमनाथ शर्मा ने प्राण त्याग दिये। अपनी मृत्यु से पूर्व उन्होंने सैनिको को सन्देश दिया जो इस प्रकार थे – “ दुश्मन हमसे केवल पचास गज की दूरी पर है। हमारी गिनती बहुत कम रह गई है। हम भयंकर गोली बारी का सामना कर रहे हैं फिर भी, मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा और अपनी आखिरी गोली और आखिरी सैनिक तक डटा रहूँगा “। यह सन्देश देते हुए मेजर सोमनाथ शर्मा ने प्राण त्याग दिये।
उनके बलिदान से सैनिकों का खून खौल गया। उन्होंने तेजी से हमला बोलकर शत्रुओं को मार भगाया। मेजर सोमनाथ शर्मा को मरणोपरान्त ‘परमवीर चक्र’ (Paramveer Chakra) से सम्मानित किया गया। ‘परमवीर चक्र’ प्राप्त करने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा प्रथम भारतीय है।
नोट :- मेजर सोमनाथ शर्मा, उत्तराखण्ड व देश के पहले व्यक्ति थे जिन्हें (मरणोपरान्त) 03 नवम्बर 1947 को ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया ।
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