धातु एवं अधातु (Metals & Non-metals)

धातु (Metals) 

आवर्त सारणी (periodic table) के अधिकांश तत्वों में धात्विक गुण पाये जाते हैं, जैसे- लोहा (iron), सोना (gold), सोडियम (sodium), कैल्सियम (calcium) आदि। आवर्त सारणी में धातु तत्वों को मुख्य रूप से बॉयी तरफ और बीच में स्थान दिया गया है, अर्थात वर्ग IA IIA (क्षारीय धातु) वर्ग IB, VIIIB (संक्रमण धातु) आदि मुख्य धात्विक तत्व हैं।
धातुओं को उनके गुणों को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है –

  1. धातुओं के भौतिक गुण (Physical properties of metals)
  2. धातुओं के रासायनिक गुण (Chemical properties of metals)

 धातुओं के भौतिक गुण (Physical properties of metals)

  1. चमकदार सतह (Shining surface)
  2. ठोस अवस्था (Solid state)
  3. उच्च गलनांक (High melting point) – सभी धातुओं का गलनांक अत्यधिक होता है, अतः उन्हें ठोस से द्रव अवस्था में परिवर्तित करने के लिए उच्च ताप की आवश्यकता होती है।
  4. अत्यधिक घनत्व (High Density) – सभी धातुओं का घनत्व अत्यधिक होता है, अर्थात उनके प्रति इकाई आयतन में परमाणुओं की मात्रा अत्यधिक होती है, जिसके कारण धातुओं के परमाणुओं के मध्य रिक्त स्थान बहुत कम होता है।
  5. बड़ी परमाण्विक त्रिज्या (Large atomic radius) – अधातुओं की तुलना में धातुओं के परमाणुओं का आकार बड़ा होता है।
  6. भंगुरता (Brittleness) – धातुओं की भंगुरता (Brittleness) बहुत कम होती है, जिसके कारण इन्हें पीटने पर यह टूटते नहीं बल्कि फैलने लगते हैं।
  7. विद्युत के सुचालक (Conductor of Electricity) – धातु विद्युत की सुचालक होती हैं, जिसके कारण धातु से विद्युत के तार एवं अन्य उपकरण बनाए जाते हैं।
  8. ऊष्मा के सुचालक (Conductor of Heat) – धातु ऊष्मा के भी सुचालक होते हैं, इसलिए विभिन्न प्रकार के बर्तन बनाने में इनका उपयोग किया जाता है।

 Note: पारा (Murcury) कमरे के ताप में द्रव अवस्था में पाया जाने वाला धातु है।
धातुओं के रासायनिक गुण (Chemical properties of metals)

निम्न आयनीकरण ऊर्जा (Low ionization energy) – अधातुओं की अपेक्षा धातुओं की आयनीकरण ऊर्जा कम होती है, अतः इन्हें आसानी से आयनीकृत किया जा सकता है।

निम्न विद्युतऋणता (Low electronegativity) – धातुओं की विद्युतऋणता भी कम होती है, क्योंकि इनके संयोजी कोश के इलेक्ट्रोन आसानी से निकाले जा सकते हैं।

अधिकांश धातुएँ क्षारीय ऑक्साइड प्रदान करते हैं।

धातुओं की ऑक्सीजन से क्रिया (Reactions with oxygen) : सभी धातुएँ ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके ऑक्साइड बनाती हैं। उदाहरण

धातुओं की जल से अभिक्रिया (Reactions with water) – धातुओं की जल से अभिक्रिया कराने पर हाइड्रोजन गैस और धातु ऑक्साइड उत्पन्न होता है।

धातुओं की अम्ल के साथ अभिक्रिया (Reactions with Acid) – धातुओं की अम्ल से क्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस का निर्माण करती हैं।

धातुओं की क्रियाशीलता का क्रम (Reactivity order of Metals)

गुणों के आधार पर धातुओं की क्रियाशीलता कम या ज्यादा होती है, धातुओं की क्रियाशीलता विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे – आयनीकरण ऊर्जा, परमाणुओं आकार, संयोजी कोश (valence shell) में इलेक्ट्रॉनों की संख्या, नाभिक से संयोजी कोश  (valence shell) की दूरी आदि। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर धातुओं की क्रियाशीलता के आरोही क्रम (ascending order) में निम्नलिखित प्रकार से दिखाया जा सकता है –

Gold < silver < murcury < copper < Hydrogen < Led < Iron < Zinc < Aluminium < Magnesium < Calcium < Sodium < Potassium

अतः धातुओं में पोटैशियम (potassium) की क्रियाशीलता सबसे अधिक तथा सोना (gold) की क्रियाशीलता सबसे कम होती है।

धातुओं के उपयोग (Uses of Metals)

  1. कारखानों (factories) की अधिकांश मशीनें धातुओं से बनी होती हैं।
  2. सोने और चांदी जैसी कुछ धातुओं की अभंगुरता और तन्यता का लाभ उठाकर आभूषण बनाए जाते हैं।
  3. तांबे (copper) के तार बनाए जाते हैं, क्योकिं इसका गलनांक (melting point) बहुत अधिक होता हैं।

क्षारीय धातु (Alkali metals) 

आवर्त सारणी में क्षारीय धातुओं (Alkali metals) को बॉयी तरफ अर्थात वर्ग I-A में रखा गया है। क्षारीय धातुओं निम्नलिखित हैं –

  1. लीथियम (Lithium) (Li)
  2. सोडियम (Sodium) (Na)
  3. पोटैशियम (Potassium) (K)
  4. रूबीडियम (Rubidium) (Ru)
  5. सीजियम (Cesium) (Cs)
  6. फ्रन्शियम (Francium) (Fr)
क्षारीय धातुओं के सामान्य गुण (Common Properties of Alkali Metals)
  1. क्षारीय धातुओं (Alkali Metals) का घनत्व अन्य धातुओं की तुलना में कम होता है।
  2. क्षारीय धातुओं (Alkali Metals) के संयोजी कोश (valence shell) में एक ही इलेक्ट्रॉन होता है।
  3. इनकी परमाण्विक त्रिज्या (atomic radius) उनके आवर्त में सबसे अधिक होती है।
  4. क्षारीय धातुओं  (Alkali Metals) की आयनिक ऊर्जा (ionic energy) अन्य धातुओं एवं अधातुओं की तुलना में अत्यधिक कम होती है।
  5. क्षारीय धातुओं (Alkali Metals) की विद्युतऋणता अन्य धातुओं की तुलना में कम होती है।
  6. क्षारीय धातुएँ (Alkali Metals) अन्य धातुओं की अपेक्षा अधिक क्रियाशील होते हैं।

सोडियम (Na) अत्यधिक क्रियाशील धातु है, इसे खुले में रखने पर भी यह अभिक्रिया कर लेता है इसलिए इसे सुरक्षित रखने के लिए मिट्टी तेल में डूबा कर रखा जाता है।


अधातु  (Non metal)

आवर्त सारणी (periodic table) में कुछ तत्व अधातु हैं। इन्हें आवर्त सारणी (periodic table) में दाहिने तरफ ऊपर की ओर स्थान (इनका p उपकक्षक आधा भरा होता है) मिला है। निम्नलिखित तत्त्व अधातु (Non metal) है –

  • हाइड्रोजन (Hydrogen)
  • कार्बन (Carbon)
  • नाइट्रोजन (Nitrogen)
  • ऑक्सीजन (Oxygen)
  • फॉस्फोरस (Phosphorus)
  • सल्फर (Sulfur)
  • सेलेनियम (Selenium)

अधातुओं के भौतिक गुण (Physical properties of Non-metals)

1. उच्च आयनीकरण ऊर्जा (High ionizing energies) – अधातुओं की आयनीकरण ऊर्जा ( ionization energy) धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है, अतः ये विद्युत के सुचालक नहीं होते हैं।

2. उच्च विद्युतऋणता (High electronegativity)

 3. ऊष्मा के दुर्बल चालक या कुचालक

4. अधातु की भंगुरता (brittleness) अधिक होती हैं।

5. अधातुओं की सतह चमकदार नहीं होती है।

6. अधातु आसानी से इलेक्ट्रोन (electrons) ग्रहण कर स्थायी अवस्था में आने की कोशिश करते हैं।

7. अधातु ठोस (solids), द्रव (liquids), गैस (gases) किसी भी अवस्था में पाएं जा सकते  हैं।

8. अधिकांश अधातुएँ ऑक्साइड (oxides) प्रदान करते हैं जो जल में घुलकर अम्ल बनाते हैं।

अधातुओं के रासायनिक गुण (Chemical properties of Nonmetals)
अधातुओं की धातुओं से अभिक्रिया (Reaction with metals of non-metals) – उच्च विद्युतऋणात्मकता वाले अधातु, धातुओं को ऑक्सीकृत करके उनके ऑक्साइड बना देते हैं।

निम्न विद्युतऋणात्मकता वाले अधातु धातुओं के यौगिकों से क्रिया करके विच्छेदन (Reduction) कर देते हैं।

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