जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा समाप्त (State status of Jammu and Kashmir ended)
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अपने घोषणा पत्र में संसद को बताया कि जम्मू और कश्मीर (Jammu & Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) को अब केंद्र सरकार के अंतर्गत अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश (union territories) प्रदेश के रूप में जाना जाएगा।
अर्थात जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) का विशेष राज्य का दर्जा अब समाप्त कर दिया गया है। अतः जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) अब दिल्ली (Delhi) के सामान एक राज्य होगा, जिसकी अपनी विधानसभा तो होगी, किन्तु वह केंद्र सरकार के अधीन एक केंद्र शासित प्रदेश ही माना जाएगा।
लद्दाख में नहीं होगी विधानसभा (Assembly will not be held i)
गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में दिए भाषण के अनुसार, पर्वतीय क्षेत्र लद्दाख ( Ladakh), जो अब से पूर्व तक कश्मीर (Kashmir) राज्य का अंग था। इसे अब जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir ) से अलग कर लद्दाख ( Ladakh) को भी केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया है।
चंडीगढ़ (Chandigarh) की तरह अब लद्दाख (Ladakh) भी बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित (Union Territory) प्रदेश होगा।
जम्मू कश्मीर राज्य के सभी विशेषाधिकार खत्म (All the privileges of the state of Jammu & Kashmir are over)
वर्तमान से जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में भी देश के अन्य केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territories) के सामान ही भारत के नियम-कानून लागू होंगे। केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित विकास योजनाएं और अन्य कानून भी सभी राज्यों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में भी लागू किए जाएंगे।
अनुच्छेद 370 की समाप्ति के साथ-साथ अनुच्छेद 35 A भी समाप्त हो जाएगा।
अन्य राज्यों के व्यक्ति भी कश्मीर में नौकरी कर सकेंगे।
अनुच्छेद 370 के अनुच्छेद 35A के अंतर्गत, देश के अन्य राज्यों के लोगों के भी जम्मू -कश्मीर में सरकारी नौकरियों में शामिल होने का रास्ता खुल गया है ।
जम्मू-कश्मीर में संपत्ति खरीदने के मौक़े
धारा 370 के हटने के बाद दूसरे राज्यों के लोग कश्मीर में संपत्ति खरीद और बेच सकेंगे। पहले अन्य राज्यों के निवासी न तो जम्मू-कश्मीर बस सकते थे और न ही संपत्ति खरीद सकते थे।
भारतीय संविधान के प्रावधान होंगे लागू (The provisions of the Indian Constitution will be applicable)
इससे पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य का अपना अलग संविधान था, किंतु अनुच्छेद-370 के समाप्त होने के पश्चात जम्मू-कश्मीर में भी भारतीय संविधान ही लागू होगा। केंद्र सरकार को कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने के पूर्व राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक नहीं होगी।
जम्मू कश्मीर की महिला को अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह करने पर संपत्ति से बेदखल नहीं किया जाएगा
इससे पूर्व, जम्मू कश्मीर की महिला को अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह करने पर संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता था और उसकी वहाँ की नागरिकता भी समाप्त हो जाती थी, किंतु अनुच्छेद 370 की समाप्ति के पश्चात, यह प्रावधान भी समाप्त हो जाएगा।
जम्मू-कश्मीर अलग झंडा और अलग एजेंडा भी खत्म
धारा 370 की समाप्ति के पश्चात, जम्मू-कश्मीर राज्य का अपना अलग झंडा नहीं होगा। भारतीय तिरंगा ही अब जम्मू-कश्मीर का भी झंडा होगा और इसका अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Note : कश्मीर में RTI (Right to Information Act, 2005) और CAG (Comptroller and Auditor General) जैसे कानून लागू होंगे।
दोहरी नागरिकता की समाप्ति
जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के नागरिकों को अब तक दोहरी नागरिकता प्राप्त थी। प्रथम – जम्मू-कश्मीर और द्वितीय – भारतीय नागरिकता। धारा 370 की समाप्ति के पश्चात जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के नागरिकों को भी भारतीय नागरिक कहा जाएगा।
अख्यल्पसंकों को आरक्षण (Reservation to OBC)
भारत में लागू आरक्षण का लाभ अब जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के नागरिकों को भी मिलेगा। इससे पूर्व उन्हें आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती थी।
इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में राज्यपाल शासन के स्थान पर अब राष्ट्रपति शासन लागू किया जाएगा।