वर्ष 1948 में राज्य के गठन के समय यहां पर कुल 290 कि. मी. लम्बी सड़कें थीं और इनके अतिरिक्त 300 कि.मी. लम्बी कच्ची सड़कें थीं। प्रदेश के शेष भागों में या तो पैदल चलने योग्य रास्ते थे या खच्चरों के चलने योग्य थे। अतः यात्रा करना कठिन और खतरों से भरा होता था। पक्की सड़कें नहीं थीं। राज्य में सड़कों की कमी लोगों के विकास में बाधक बन रही थी। इसलिए प्रदेश भर में सड़कों के निर्माण की मांग उठने लगी। सरकार ने इस माँग के औचित्य को समझते हुए सड़क निर्माण को विकास कार्यक्रम में सर्वाधिक महत्त्व दिया। इस नीति का पालन करते हुए प्रथम तीन पंचवर्षीय योजनाओं में बजट का 32 प्रतिशत खर्च किया गया। इससे सड़कों के निर्माण से विकास में तेजी आई। मार्च 1966 तक प्रदेश में 2,137 कि. मी. मोटर योग्य सड़कें थीं तथा 810 कि. मी. जीप योग्य सड़कें थीं। अप्रैल, 2011 तक राज्य में कुल सड़क मार्ग की लम्बाई 33, 727 कि.मी. है।
हिमाचल प्रदेश के अर्थ-तन्त्र में सड़क-निर्माण के महत्त्व को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार इस कार्य को अत्यधिक वरीयता देती रही है। चौथी पंचवर्षीय योजना के अन्त तक हिमाचल प्रदेश में 9,705 किमी लम्बी सड़कें बन चुकी थीं, जिन पर 3.748 कि.मी. तक जल निकास की व्यवस्था भी थी। पाँचवीं पंचवर्षीय योजना (1974-78) में 1228 कि.मी. सड़कें बनी। राष्टीय यातायात नीति के अन्तर्गत हिमाचल के सभी गांवों को सड़कों द्वारा आपस में जोड़ने के लिए लगभग 40500 कि.मी. लम्बी सड़कों की आवश्यकता है, जो 72.75 कि.मी. प्रति 100 वर्ग कि.मी. बनती है।
सड़क-निर्माण के महत्त्व को समझते हुए कई राष्ट्रीय राजमार्गो का निर्माण कराया, जो की निम्नलिखित है –
हिमाचल प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों का विवरण (National Highways of Himachal Pradesh):
* 31 अगस्त 2015 की सूची के अनुसार राज्य में 17 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई 690 किमी है।
क्रमांक | पुरानी NH संख्या | नई NH संख्या | सड़क मार्ग की लम्बाई (KM) | विवरण |
1. | NH 70+21 | NH-3 | 318.495 | जालंधर- होशियारपुर- गगरेट-मुबारकपुर-नादौन-हमीरपुर- सरकाघाट- धर्मपुर मंडी-कुल्लू-मनाली। |
2. | NH-22 | NH-5 | 326.276 | चंडीगढ़-कालका-परवाणू-सोलन-शिमला-ठियोग-नारकंडा-रामपुर-शिपकी ला |
3. | NH-72 | NH-7 | 57.0 | काला अंब-पांवटा-देहरादून-ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग |
4. | NH-88 | NH-103 | 77.0 | हमीरपुर-भोटा-घुमारवीं-घाघस |
5. | NH-21A | NH-105 | 48.875 | पिंजौर-बद्दी-नालागढ़-स्वारघाट। |
6. | NH-20+21 | NH-154 | 267.865 | पठानकोट-नूरपुर-पालमपुर-जोगिन्द्रनगर-मंडी-सुंदरनगर-घाघस |
7. | NH-21+88 | NH-205 | 123.0 | रोपड़-कीरतपुर-स्वारघाट-नौनी-दार्लाघाट-शिमला |
8. | NH-20A+88 | NH-303 | 70.20 | नगरोटा-रानीताल-ज्वालामुखी – नदौन |
9. | New | NH-305 | 94.784 | सैंज- लुहरी- अन्नी-जलोरी- ऑट रोड |
10. | NH-88+20A | NH-503 | 72.90 | मातापुर-कांगड़ा-रानीताल-देहर गोपीपुर-भरवीन-मुबारकपुर। |
11. | NH-72B | NH-707 | 119.50 | पांवटा-राजबन- शिलाई -मेनस -हटकोटी |
12. | NH-73A | NH-907 | 7.42 | लाल-ढांक बाटा चौक सड़क |
13. | New | NH-154A | 133.0 | पंजाब राज्य में धार, जो कि बनीखेत, चंबा को जोड़ता है और हिमाचल प्रदेश राज्य के भरमौर में समाप्त होता है। |
14. | New | NH‐503(Extn) | 22.67 | मुबारकपुर – देहरा गोपीपुर- रानीताल- कांगड़ा- मटौर- धर्मशाला – मैकलोडगंज (अंतिम छोर) |
15. | New | NH‐503(Extn) | 44.7 | मुबारिकपुर-ऊना-देहलान (HP) – आनंदपुर साहिब- कीरतपुर (पंजाब)। |
16. | New | NH‐705 | 74.0 | ठियोग – कोटखाई-जुब्बल – हाटकोटी |
17. | New | NH‐503A | 70.0 | अमृतसर-मेहता-हर हरगोबिन्दपुर- टांडा- होशियारपुर (पंजाब) – ऊना, बसोली- बरसार- सलूणी- भोटा (HP) |