न्यूटन के गति के नियम (Newton’s Laws of Motion)

न्यूटन की गति के तीनों नियमों को निम्नलिखित प्रकार से व्याख्यित किया जा सकता है

  1. कोई भी वस्तु अपनी स्थिर अवस्था या समान गति की अवस्था में तब तक बनी रहेगी, जब तक इस पर कोई बाह्य बल ना लगाया जाए।
  2. बल (F) = द्रव्यमान (M) x त्वरण (a)
  3. प्रत्येक क्रिया के लिए एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।

न्यूटन की गति का प्रथम नियम

कोई भी वस्तु तब तक अपनी स्थिर अवस्था अथवा सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में तब तक बनी रहती है जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाए।

न्यूटन की गति के प्रथम नियम के अनुसार सभी वस्तुएं अपनी वर्तमान अवस्था में किसी भी परिवर्तन का विरोध करती है, किसी भी वस्तु का अपनी अवस्था में परिवर्तन करने की प्रवृत्ति जड़त्व (Inertia) कहलाती है। इसी कारण न्यूटन के गति के प्रथम नियम को जड़त्व का नियम (Law of Inertia) भी कहा जाता हैं।

उदाहरण

  • धावक द्वारा दौड़ समाप्ति रेखा के बाद भी कुछ दूरी तक दौड़ते रहना।
  • कम्बल को हाथ से पकड़कर डण्डे से पीटने पर धूल के कण का झड़कर गिरना।
  • पंखे का स्विच बंद करने पर भी पंखे का कुछ समय तक चलते रहना।
  • गोली मारने पर काँच में गोल छेद हो जाता है जबकि पत्थर मारने पर टूट जाता है।
  • पानी से भरे गिलास पर पोस्टकार्ड व उस पर एक सिक्का को रखें, तत्पश्चात् पोस्टकार्ड को आगे की ओर सरका दें तो पोस्टकार्ड आगे की ओर है, किन्तु लेकिन सिक्का गिलास में गिर जाता है।

Note − किसी भी वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होगा उस वस्तु का जड़त्व भी उतना ही अधिक होगा।

न्यूटन की गति का द्वितीय नियम

किसी भी वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर, उस पर आरोपित बल के समानुपाती और उसी दिशा में होती है या जिस ओर से बल लगाया जाता है।

किसी वस्तु पर आरोपित बल उस वस्तु के द्रव्यमान तथा उस वस्तु में बल की दिशा में उत्पन्न त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है, अर्थात्

बल (F) = द्रव्यमान (M) x त्वरण (a)
बल का SI मात्रक न्यूटन (N) है।

उदाहरण

  • ऊँची कूद लगाने वाले खिलाड़ी या कुश्ती के दौरान पहलवान के लिए मुलायम
  • जमीन का प्रयोग किया जाता है जिससे नीचे गिरते समय उन्हें चोट ना लगे।
  • क्रिकेट की बॉल को कैच करते समय खिलाड़ी बाल सहित अपने हाथ को पीछे खींच लेता है, जिससे उसके हाथ में चोट ना लगे।
  • कराटे के खिलाड़ी द्वारा ईंट की पट्टी या बर्फ की सिल्ली को तोड़ना।
  • गाड़ियों में लगाए गए स्प्रिंग और शॉक एब्जार्बर जिससे गाड़ियों में बैठे यात्री झटका न लगे ।

न्यूटन की गति का तृतीय नियम

किसी भी क्रिया के लिए ठीक उसके बराबर परंतु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है, इसमें से एक बल को क्रिया व दूसरी को प्रतिक्रिया कहते हैं। न्यूटन के तृतीय नियम को क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से भी जाना जाता हैं।

उदाहरण

  • ऊपर की ओर छलांग लगाते समय भूमिपृष्ठ को नीचे की ओर दबाना।
  • बॉल को दीवार में पटकने पर उसका उसी गति से पीछे की ओर आना।
  • नाव चलाते समय या तैरते समय जल को पीछे की ओर धकेलना।
  • कुआँ से पानी खींचते समय रस्सी के टूटने पर व्यक्ति का पीछे की ओर गिरना।

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