पंथी लोक नृत्य (Panthi Folk Dance)

‘पंथी (Panthi)’ छत्तीसगढ़ का एक लोक-नृत्य है। यह सतनाम पंथ का आध्यात्मिक एवं धार्मिक नृत्य होने के साथ-साथ एक अनुष्ठान भी है। यह नृत्य आदिवासी समूहों की समृद्ध सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत को दर्शाता है। माघ पूर्णिमा पर गुरु बाबा घासीदास की जयंती, के अवसर पर इस नृत्य का आयोजन किया जाता है।
छत्तीसगढ़ में सतनाम पंथ का प्रवर्तन गुरु घासीदास ने 19वीं सदी में किया था। सतनामी पंथ के लोग निर्वाण दर्शन में विश्वास करते हैं और उनका नृत्य इस विचारधारा को व्यक्त करता है।
यह प्रायः एक सामूहिक नृत्य (Group Dance) हैं। इसमें नर्तकों की आदर्श संख्या 15 मानी जाती है और यह एक पुरुष प्रधान नृत्य है। आजकल इसकी एकल प्रस्तुतियाँ भी देखने को मिलती हैं।

पंथी लोकनृत्य के प्रमुख वाद्ययंत्र

  • इसमें प्रयुक्त होने वाले प्रमुख वाद्ययंत्र मांदर, झांझ, चुंघरू, झुमका आदि हैं।
  • श्री दुकालूराम तथा श्री मिलापदास बंजारे पंथी नृत्य के ख्यातिप्राप्त नर्तक हैं।

छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोक नृत्य

सैला नृत्य (Saila Dance), राउत नाचा नृत्य / गहिरा नृत्य, पंडवानी नृत्य (Pandawani Dance), झिर्लिती नृत्य (Jhirliti Dance), गेंडी नृत्य (Gendi Dance), सुआ नृत्य, कर्मा नृत्य (Karma Dance), लोरिक चंदा नृत्य (Lorik Chanda Dance), पंथी नृत्य (Panthi Dance) व कारी नृत्य (Kari Dance) आदि छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोक नृत्य है।
Note:

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे के समय अहमदाबाद में सुकदेव दास बंजारे के नेतृत्व में पंथी लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Latest from Blog

UKSSSC Forest SI Exam Answer Key: 11 June 2023

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) द्वारा 11 June 2023 को UKPSC Forest SI Exam परीक्षा का आयोजन…