रबड़ (Rubber)

  • वानस्पतिक नाम – हेविआ ब्रासिलिनेसिस (Hevea brasiliensis)
  • जलवायु – उष्णार्द्र
  • तापमान – 24-35°C
  • वर्षा – 200-250 cm

रबड़ (Rubber), एक लचीला पदार्थ है, जो कुछ उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों (भूमध्य रेखीय) में रबड़ के पौधे से रिसकर बहार की ओर बहता है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस से भी सिंथेटिक रबड़ प्राप्त किया जाता हैं। रबड़ (Rubber) में लचीलापन इसका एक प्रमुख गुण है, जिसके कारण इसका उपयोग मोटर वाहन, विमान और साइकिल के टायरों को बनाने में किया जाता है।

  • वर्ष 1826 में हेनरी विलियम (Henry William) द्वारा रबड़ के वृक्ष के बीज को ब्राजील (Brazil) से लाकर भारत में उगाया था। भारत में रबड़ (Rubber) की कृषि को सर्वप्रथम लार्ड सैलिसबरी (Lord Salisbury) ने शुरू कराया था।

रबड़ के पौधे को 300 से 700 मी. के पहाड़ी ढालों पर उगाया जाता है।
रबड़ (Rubber) के वृक्ष से लेटैक्स (दूध) नामक पदार्थ से रबड़ प्राप्त किया जाता है।
Note: 
केरल, भारत में सर्वाधिक रबड़ उत्पादन करने वाला राज्य है। 

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