रदरफोर्ड (Rutherford) ने थॉमसन के परमाणु मॉडल (Thomson’s atomic model) की प्रामाणिकता को साबित करने के लिए प्रयोग किया, किंतु इसके परिणाम बिल्कुल अलग थे जिन्होंने थॉमसन के परमाणु मॉडल (Thomson’s atomic model) को पूरी तरह से नकार दिया।
रदरफोर्ड का प्रयोग
रदरफोर्ड ने अपने प्रयोग में रेडियोएक्टिव स्रोत से उत्पन्न तेज गति के अल्फा कणों को सोने की पन्नी (100 nm मोटाई) से टकराया, और उसके परिणाओं का अवलोकन किया। जिससे निम्नलिखित निष्कर्ष प्राप्त हुए –
1. रेडियोएक्टिव स्रोत से उत्पन्न तेज गति वाले अधिकांश अल्फा कण (alpha particles), सोने की पन्नी (gold foil) से बिना विक्षेपित हुए सीधे निकल गए। जिससे यह सिद्ध होता है कि परमाणु (atom) का अधिकांश भाग रिक्त होता है तथा उसमें किसी भी प्रकार का कोई आवेश (धनावेश या ऋणावेश) नहीं होता है।
2. कुछ अल्फा कण (alpha particles), सोने की पन्नी (gold foil) द्वारा बहुत छोटे कोणों पर विक्षेपित हुए। जो यह सिद्ध करता है। जिससे यह निष्कर्ष निकला कि परमाणु (atom) में बहुत कम धनावेशित कण हैं।
3. बहुत ही कम कण लगभग 20000 में से 1 कण , 180 के कोण पर विक्षेपित हुए। जिससे यह सिद्ध होता है कि सोने के परमाणु (gold atom) का पूर्ण धनावेशित भाग (fully charged portion) और द्रव्यमान (mass), परमाणु (atom) के भीतर बहुत कम आयतन में सीमित है।
उपरोक्त परिणामों के आधार पर रदरफोर्ड (Rutherford) ने अपना परमाणु का नाभिकीय मॉडल प्रस्तुत किया –
1. परमाणु का धनावेश (positive charge) तथा द्रव्यमान (mass) एक अत्यंत सूक्ष्म भाग में स्थित होता है, अत्यंत सूक्ष्म भाग को ही रुदरफोर्ड ने नाभिक (nucleus) की संज्ञा दी।
2. परमाणु में उपस्थित ऋणावेशित कण (negative charge particle) नाभिक (nucleus) के चारों ओर वृताकार पथ में परिक्रमा करते है।
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल की कमियाँ
ऋणावेशित कण (electron) नाभिक के चारों ओर निरंतर वृताकार पथ में परिक्रमा करते रहते हैं, किंतु उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये ऋणावेशित कण (electron) अनंत समय तक अपनी ऊर्जा संरक्षण कैसे करेंगे, क्योंकि निरंतर गति करने वाले किसी भी कण की ऊर्जा में कमी होगी और अंततः ऊर्जा विहीन होकर वह नाभिक में गिर जाएगा और परमाणु (atom) समाप्त हो जाएगा।
Note :
- यह सर्वविदित है कि परमाणु (atom) सही भी समाप्त नहीं होता।
- रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल (Rutherford’s atomic model) भविष्य के परमाणु मॉडल्स का आधार बना।
रदरफोर्ड ने अपने प्रयोग में अल्फा कण (alpha particles) एवं सोने की पन्नी (gold foil) का ही प्रयोग क्यों किया ?
सोने की पन्नी (gold foil) का प्रयोग करने का मुख्य कारण यह था कि उन्हें इस प्रयोग के लिए बहुत ही पतली परत की जरुरत थी।
अल्फा कण (Alpha particles) धनावेशित हीलियम कण (helium particles) होता है जिनका परमाणु द्रव्यमान 4 होता है, इसलिए तीव्र गति से चल रहे इन अल्फा कणों (Alpha particles) में पर्याप्त ऊर्जा होती है
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