हाल ही में, केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री द्वारा SVAMITVA योजना के बारे में दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह योजना 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (National Panchayati Raj Day) के दिन शुरू की गई थी।
SVAMITVA Scheme – Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Village Areas (ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रौद्योगिकी के साथ गांवों और मानचित्रण का सर्वेक्षण)
उद्देश्य – स्वामित्व योजना (SVAMITVA Scheme) ग्रामीण लोगों को उनकी आवासीय संपत्तियों के दस्तावेज का अधिकार प्रदान करना है ताकि वे अपनी संपत्ति का उपयोग आर्थिक उद्देश्यों के लिए कर सकें।
- यह ड्रोन तकनीक (Drone technology) और सतत संचालन संदर्भ स्टेशन (Continuously Operating Reference Station – CORS) का उपयोग करते हुए ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में भूमि की मैपिंग के लिए एक योजना है।।
- इस मैपिंग को देश भर में 4 वर्ष की अवधि में 2020 से 2024 तक लागू किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- योजना पंचायती राज मंत्रालय, राज्य पंचायती राज विभागों, राज्य के राजस्व विभागों और भारतीय सर्वेक्षण विभाग का एक सहयोगी प्रयास है।
- इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में योजना और राजस्व संग्रह को सुव्यवस्थित करना और संपत्ति के अधिकारों पर स्पष्टता सुनिश्चित करना है। यह योजना संपत्ति संबंधी विवादों को हल करने में मदद करेगा।
- इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के लिए एक एकीकृत संपत्ति सत्यापन समाधान प्रदान करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में निवासियों (आबादी) की भूमि का सीमांकन करने के लिए, नवीनतम ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक का उपयोग करना।
- वर्तमान में यह कार्यक्रम छह राज्यों हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लागू किया जा रहा है।
- स्वामित्व योजना (SVAMITVA Scheme) के अंतर्गत, नवीनतम सर्वेक्षण विधियों और ड्रोन का उपयोग करके ग्रामीण आवासीय भूमि का मानचित्रण किया जा सकता है।
स्वामित्व योजना (SVAMITVA Scheme) के लाभ
- यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में योजना और राजस्व संग्रह को सुव्यवस्थित करने और संपत्ति के अधिकार पर स्पष्टता सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत बनाए गए नक्शों का उपयोग करके बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (GPDPs) के निर्माण में सक्षम बनाएगी।
- ग्राम पंचायतों को आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (GPDP) की तैयारी के लिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य किया जाता है।