गठन – 1 सितंबर 1972
मुख्यालय- ऊना
भाषा- पहाड़ी, पंजाबी, हिन्दी, उन्नवी
ऊना जिला स्वतंत्र रियासत नहीं थी बल्कि यह काँगड़ा रियासत का भाग थी। ऊना जिला जसवां और कुठलहर रियासत से मिलकर बना है। 1966 में ऊना काँगड़ा जिलेकी तहसील बना। 1 सितम्बर 1972 को ऊना हिमाचल का पृथक जिला बन गया।
1 सितंबर 1972 को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कांगड़ा जिले को तीन जिलों में ऊना, हमीरपुर और कांगड़ा में पुनर्गठित किया गया। उना के प्रसिद्ध स्थानों में चिंतपुरी माता मंदिर, डेरा बाबा बड़ भाग सिंह, डेरा बाबा रुद्रु, जोगी पांगा, धर्मशाला महंत, ध्युन्सर महादेव मंदिर, तलमेहरा, शिवबारी मंदिर, गगरेट और मिनी सचिवालय शामिल है। 11 जनवरी 1991 को उना को चौड़ी गेज ट्रैक बिछाने के साथ ही रेलवे लाइन के साथ नंगल (पंजाब) से जोड़ दिया गया और जोकि अब बढ़ कर दौलतपुर कस्बे तक पहुँच चुकी है।
जनसांख्यिकी (Demographics):
जनसांख्यिकी 2011 के अनुसार-
- क्षेत्रफल (Area): 1,540 Sq. Km.
- जनसँख्या (Population): 521,173
- पुरुष (Men- जनगणना2011 के अनुसार): 263,692
- महिलाएं (Women- जनगणना2011 के अनुसार): 257,481
- लिंग अनुपात (Sex Ratio)(प्रति 1000): 976
- साक्षरता (Literacy): 87.23% (92.75% male), (81.67% female)
- उप मंडल (Sub division): 4 (ऊना, अम्ब, हरोली और बंगाणा)
- तहसील (Tahsil): 5 (ऊना, अम्ब, बंगाणा, हरोली, घनारी)
- उप तहसील (Sub-Tehsil): 7 (भरवायीं, ईसपुर, जोल, दुलेहर, बीहरू कलां , कलोह, मेहतपुर बसदेहरा)
- विकास खण्ड (Development Section):5 (ऊना, अम्ब, गगरेट, धुन्दला (बंगाणा) और हरोली)
- ग्राम पंचायतें (Village panchayats): 234
ऊना जिले की घाटियां (Valleys in Una District):
- स्वां घाटी / जसवां दून घाटी: 7 से 14 km तक चौड़ाई पर फैली हुई है।
ऊना जिले की नदिया (Rivers in Una District):
- स्वान नदी- ऊना को बीचों बीच दो भागों में बांटती है।
ऊना जिले के मंदिर (Temple in Una District):
- चिंतपूर्णी मंदिर- यह मंदिर ऊना में स्थित है, यंहा पर सती माता के चरण गिरे थे।
- जोगी पंगा- यह ऊना के बोल गावं में स्थित है।
- बाबा वडभाग सिंह- बाबा वडभाग सिंह की तपोस्थली मैड़ी ऊना से 42 किलोमीटर दूर है।
- डेरा बाबा रुद्रानंद- डेरा बाबा रुद्रु नारी का स्थापना आज से 147 वर्ष से पूर्व रुद्रु नामक महात्मा द्वारा की गई थी।
ऊना जिले के मेले व यात्रा (Fair in Una District):
- पीपलू मेला- ये मई, जून के महीने में मनाया जाता है।
- चिंतपूर्णी मेला- चिन्तपूर्णी काअपनी ही महत्व है। चिन्तपूर्णी अर्थात चिन्ता को दूर करने वाली देवी मानी जाती है।
- पीर निगाह – बसोली- ऊना के पास एक और महत्वपूर्ण मेला, पीर निगाहा का मेला आयोजित होता है।
- ध्युन्सर महादेव -तलमेहरा- ‘शिवरात्रि’ के शुभ अवसर पर, यहां एक मेला आयोजित किया जाता है।
ऊना जिले के कुछ मुख्य तथ्य (Some key facts of Una district):
- जलग्रा (ऊना) में मुर्गी पालन केंद्र है।
- “हंस प्रोजेक्ट” हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में शुरु किया।