परीक्षा (Exam) – UPTET (UttarPradesh Teacher Eligibility Test) Paper I (Classes I to V)
भाग (Part) – Part – II – हिन्दी भाषा (Hindi Language)
परीक्षा आयोजक (Organized) – UPBEB
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
परीक्षा तिथि (Exam Date) – 2012
निर्देश : (प्र. सं. 31-39) नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प चुनिए।
“किसी को देखने के लिए आँख की नहीं, दृष्टि की आवश्यकता होती है” स्वामी विवेकानन्द का यह कथन इस महिला के जीवन का दर्शन बन गया है। इसी जीवन दर्शन के सहारे उन्होंने एक ओर कठिनाइयों का सामना किया, तो दूसरी ओर सफलता का मार्ग ढूँढ़ा और उस पर निर्भयता से बढ़ चली। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं मुम्बई की रेवती रॉय की। रेवती रॉय वह महिला हैं जिन्होंने महिलाओं की कठिनाइयों को ध्यान में रख केवल उन्हीं की सुविधा के लिए ‘फॉरशी’ नाम से कैब सेवा प्रारम्भ की। उद्देश्य स्पष्ट थाकामकाजी और जरूरतमन्द महिलाओं को अपने शहर में सुरक्षित सफर का भरोसा देना। यह सेवा उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई जिन्हें महानगरों में मँह बाए बैठे अपराधी तत्वों या परपीड़ा में आनन्द लेने वालों से प्रायः रोज ही जूझना पड़ता है। खतरों और आशंकाओं से भरी सड़क-परिवहन की जिन्दगी में कदम रखने का निर्णय लेना रेवती के लिए सरल नहीं था। लेकिन कभीकभी विवशता भी प्रेरणा देती है। ऐसे ही अवसरों पर ‘आँख नहीं, दृष्टि’ वाला दर्शन प्ररेक होता है। गम्भीर बीमारी से जूझ रहे पति के इलाज में सारी जमापूँजी चुक जाने के बाद रेवती को अपने अस्तित्व के लिए कुछ-न-कुछ करना था। सो उन्होंने एकदम नया रास्ता चुनाकैब के द्वारा महिलाओं को सुरक्षित यात्रा का आश्वासन।
Q31. कौन-सा विकल्प गद्यांश के मुख्य भाव के सबसे निकट है।
(1) पहले घर फिर बाहर
(2) साहस और खतरे
(3) हिम्मत और जिन्दगी
(4) हिम्मत करे इन्सान तो क्या काम है मुश्किल
Q32. किस शब्द में उपसर्ग और प्रत्यय दोनों हैं?
(1) सफलता
(2) प्रारम्भ
(3) परिवहन
(4) कठिनाइयाँ
Q33. ‘परपीड़ा’ शब्द का गद्यांश में प्रयोग के अनसार अर्थ है
(1) दूसरों में पीड़ा
(2) दूसरों से पीड़ा
(3) दूसरों की पीड़ा
(4) दूसरों को पीड़ा
Q34. गद्यांश के प्रारम्भ में उदधृत कथन किसके जीवन का दर्शन बना?
(1) रेवती रॉय के
(2) संघर्षशील व्यक्ति के
(3) विवेकानन्द के
(4) असुरक्षित महिलाओं के
Q35. रेवती राय की कैब सेवा मूलतः किसके लिए है?
(1) महानगरों के लिए
(2) कामकाजी महिलाओं के लिए
(3) जरूरतमन्द लोगों के लिए
(4) मुम्बई के निवासियों के लिए
Q36. कामकाजी महिलाओं को प्रायः नित्य ही जूझना पड़ता है
(1) परिवहन की समस्याओं से
(2) मनमानी करने वाले बालकों से
(3) गृहस्थी की समस्याओं से
(4) परपीड़क और अपराधी लोगों से
Q37. कैब सेवा प्रारम्भ करने के पीछे कारण था।
(1) महिलाओं की कठिनाइयाँ
(2) समाजसेवा की भावना
(3) सामाजिक दबाव
(4) पारिवारिक विवशता
Q38. रेवती राय ने एकदम नया रास्ता चुना
(1) लोगों की सेवा करने का
(2) खतरों में कदम रखने का
(3) बीमार पति की देखभाल का
(4) महिलाओं के लिए कैब संचालन का
Q39. किस जिन्दगी को खतरों और आशंकाओं से भरा माना गया है?
(1) कामकाजी महिलाओं की
(2) ‘फॉरशी’ कैब संचालन की
(3) महानगरों की
(4) सड़क परिवहन की
निर्देश (प्र. सं. 40-45) : निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए।
गरजते धन धनन-घन-घन नाचता है मोर-सा मन,
ऐसी पड़ी झर-झर झडी- भीगा बदन बेसुध है मन।
आज वर्षा अजब आई। बह रही है मस्त पुरवाई, नदी है द्वार तक आई।
मेघों से लिपटकर सो गया सूरजले रहे हैं खेत अंगड़ाई।
आज वर्षा गज़ब आई।
Q40. ‘बेसुध है मन’ कहकर कवि बताना चाहता है कि मन
(1) झूमने लगता है
(2) गाने लगता है
(3) पानी से भीग जाता है
(4) मस्त हो जाता है
Q41. खेत अँगड़ाइयाँ ले रहे हैं, क्योंकि
(1) उन्हें बहुत आनन्द आ रहा है
(2) सुबह हो गई, वे नींद से जाग रह हैं
(3) सूर्य दिखाई नहीं दे रहा है
(4) सूर्य के सो जाने से उन्हें भी नींद आ रही है।
Q42. ‘गरजते घन घनन-घन-घन’ में अलंकार है
(1) श्लेष
(2) रूपक
(3) उपमा
(4) अनुप्रास
Q43. मन की उपमा किससे दी गई है?
(1) सावन से
(2) मोर से
(3) बादलों से
(4) वर्षा से
Q44. “लिपटकर सो गया सूरज” का भाव है कि सूर्य
(1) छिप गया है
(2) थक गया है
(3) नींद में है
(4) खो गया है
Q45. ‘पुरवाई’ से आशय है
(1) मदमस्त करने वाली हवा
(2) पूर्व की ओर बहने वाली पवन
(3) पूर्व से आने वाली वायु
(4) पूर्व को बहने वाली नदी