UTET Exam Paper 1 (First Language – hindi) Answer Key: 24 March 2021

Q46. निराला कृत राम की शक्ति पूजा का आधार ग्रन्थ कौन है?
(A) कम्बन रामायण
(B) कृत्तिवास रामायण
(C) रामचरितमानस
(D) रामचन्द्रिका


Q47. चन्द्र सकलंक, मुख निष्कलंक, दोनों में समता कैसी।
उक्त पद में कौन सा अलंकार है।
(A) रूपक
(B) असंगति
(C) व्यतिरेक
(D) दीपक

Q48. द्विवेदी युग का नामकरण किसके नाम से हुआ?
(A) हजारीप्रसाद द्विवेदी
(B) महावीर प्रसाद द्विवेदी
(C) शान्ति प्रिय द्विवेदी
(D) राम अवध द्विवेदी

Q49. अधिकार सुख कितना मादक और सारहीन है।’
उक्त कथन जयशंकर प्रसाद के किस नाटक से लिया गया है?
(A) चन्द्रगुप्त
(B) स्कन्दगुप्त
(C) अजातशत्रु
(D) पुवस्वामिनी

Q50. ‘बोल्गा से गंगा’ के लेखक का नाम बताइए-
(A) रांगेय राघव
(B) राहुल सांकृत्यायन
(C) धर्मवीर भारती
(D) राजेन्द्र यादव

निर्देश : निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न संख्या 51 से 55 तक) के सर्वाधिक उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए।
तुम मांसहीन, तुम रक्तहीन
हे अस्थिशेष! तुम अस्थिहीन.
तुम शुद्ध बुद्ध आत्मा केवल,
हे चिर पुराण! हे चिर नवीन!
तुम पूर्ण इकाई जीवन की.
जिसमें असारभव शून्य लीन.
आधार अमर होगी जिस पर
भावी की संस्कृति लीन।
Q51. प्रस्तुत काव्य पंक्तियों के रचनाकार का नाम बताइए
(A) धर्मवीर भारती
(B) गजानन माधव’मुक्तिबोध’
(C) सुमित्रानन्दन पन्त
(D) मैथिलीशरण गुप्त

Q52. तुम मांसहीन, तुम रक्तहीन’ से क्या भाव व्यक्त होता है
(A) जड़ता
(B) दुर्बलता
(C) पारमहस्य स्थिति
(D) विद्यारहीनता

Q53. हे चिर पुराण! है चिर नवीन! में कौन सा अलंकार हैं?
(A) विपर्यय
(B) विभावना
(C) विरोधाभास
(D) जसंगति

Q54. ‘पूर्ण इकाई जीवन की’ का भावार्थ क्या है?
(A) जीवन के अन्तिम लक्ष्य की प्राप्ति
(B) सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास
(C) सामाजिक अनुभव प्राप्त करना
(D) मानव जीवन की परिपक्वता

Q55. उपर्युक्त काव्यांश में कौन सा छन्द है।
(A) मनहर
(B) मुक्त छन्द
(C) गीतिका
(D) तोमर

निर्देश । निम्नलिखित गद्यांश की पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न संख्या 56 से 60 तक के सर्वाधिक उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिष्ट।
शिक्षा चाहती है कि उसको अपने समाज से जोड़ा जाय, लोगों से जोड़ा जाय और हर विद्यार्थी को एसी लोकोन्मुख दृष्टि दी जाय कि सर्वोदय को अपना धर्म-कर्म मानने लगे। दरअसल यह समझना जरूरी है कि शिक्षा को शिक्षित करने का सबसे बड़ा स्थान समाज ही है। समाज की कराण कथाएँ समाज में गरीब से गरीब का अर्थशास शिक्षा को शिक्षित करने में समर्थ है। शिक्षा के लिए तथ्य और ताव दोनी ईदने का सही स्थान समाज ही हैं। समाज में रहने वाले विलक्षण प्रतिभाशाली लोगों पृत कोई भी शैक्षिक वावस्था अपने को सम्पन्न नहीं बना सकती। समाज के विश्लेषण से ही सरती शिक्षा सम्मा हो सकती है। इस तरह से शिक्षा अपने को सांधने का दाना-पानी समाज से ले सकती है और सामान को कुछ वापस कर सकती है। ऐसी यो रिया समाज और फिर राष्ट्र को ओजी दस्ती बनाने में सफल होगी।
Q56. शिक्षा की सर्वोच्च अभिलाषा क्या है?
(A) छात्र को आदर्श की ओर उन्मुख करना ।
(B) छात्र को आत्मनिर्भर बनाना।
(C) छात्र में समाजोन्मुखी दृष्टिकोण विकसित करना।
(D) छात्रों को कौशल विकास की दिशा प्रदान करना।

Q57. लोकोन्मुख दृष्टि का क्या आशय है?
(A) समाजिक परंपराओं का बोध।
(B) समाज के बहुमुखी विकास की सोच।
(C) लौकिक विकास के प्रति चिन्तनपरता।
(D) लोकादों से परे कार्य करने का भाव।

Q58. ‘गरीब परिवार का अर्थशास्त्र’ शिक्षा को शिक्षित करने में कैसे समर्थ हो सकता है?
(A) शैक्षिक नियोजन में सर्वोदय के बिन्दुओं को समाहित करने से।
(B) शिक्षा व्यवस्था में अधिक धन आबंटित करने से।
(C) गरीब परिवारों को आर्थिक मदद करने से।
(D) गरीबी के मूल कारणों का विश्लेषण करने से।

Q59. राष्ट्र को तेजस्वी कैसे बनाया जा सकता है।
(A) शिक्षा के व्यापक प्रचार और प्रसार से।
(B) विभिन्न सामाजिक स्रोतों से यथेष्ठ संसाधन जुटाने से।
(C) महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने से।
(D) समाज में व्याप्त बुराइयों के निराकरण से।

Q60. लोकोन्मुख’ शब्द में कौन सी सन्धि है?
(A) यण सन्धि
(B) गुण सन्धि
(C) अयादि सन्धि
D) वृद्धि सन्धि

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