तरंगें (Waves)

तरंगें (Waves) वास्तव में ऊर्जा हैं, जल नहीं, जो कि महासागरीय सतह के आर-पार गति करते हैं। तरंगों में जल कण छोटे वृत्ताकार रूप में गति करते हैं। वायु जल को ऊर्जा प्रदान करती हैं, जिससे तरंगें उत्पन्न होती हैं।
वायु के कारण तरंगें महासागर में गति करती हैं तथा ऊर्जा तटरेखा पर निर्मुक्त होती है। सतह जल की गति महासागरों के गहरे तल के स्थिर जल को कदाचित ही प्रभावित करती है। जैसे – ही एक तरंग महासागरीय तट पर पहुँचती है इसकी गति कम हो जाती है। ऐसा गत्यात्मक जल के मध्य आपस में घर्षण होने के कारण होता है तथा जब जल की गहराई तरंग के तरंगदैर्ध्य (Wavelength) के आधे से कम होती है तब तरंग टूट जाते हैं।
बड़ी तरंगें खुले महासागरों में पायी जाती हैं। तरंगें जैसे ही आगे की ओर बढ़ती हैं बड़ी होती जाती हैं तथा वायु से ऊर्जा को अवशोषित करती हैं। अधिकतर तरंगें वायु के जल की विपरीत दिशा में गति से उत्पन्न होती हैं। जब दो नाॅट या उससे कम वाली समीर शांत जल पर बहती है, तब छोटी-छोटी उर्मिकाएँ (Ripples) बनती हैं तथा वायु की गति बढ़ने के साथ  ही इनका आकार बढ़ता जाता है, जब तक इनके टूटने से सफेद बुलबुले नहीं बन जाते। तट के पास पहुँचने, टूटने तथा सफेद बुलबलों में सर्फ की भाँति घुलने से पहले तरंगें हजारों Km की यात्रा करती हैं।
एक तरंग का आकार एवं आकृति उसकी उत्पत्ति को दर्शाता है। युवा तरंगें अपेक्षाकृत ढाल वाली होती हैं तथा संभवतः स्थानीय वायु के कारण बनी होती हैं। कम एवं नियमित गति वाली तरंगों की उत्पत्ति दूरस्थ स्थानों पर होती है, संभवतः दूसरे गोलार्ध में। तरंग के उच्चतम बिंदु का पता वायु की तीव्रता के द्वारा लगाया जाता है, यानि यह कितने समय तक प्रभावी है तथा उस क्षेत्र की ऊपर कितने समय से एक ही दिशा में प्रवाहमान है? तरंगें गति करती हैं, क्योंकि वायु जल को प्रवाहित करती है जबकि गुरुत्वाकर्षण बल तरंगों के शिखरों को नीचे की ओर खींचता है। गिरता हुआ जल पहले वाले गर्त को ऊपर की ओर धकेलता है एवं तरंग नये स्थिति में गति करती हैं। तरंगों के नीचे जल की गति वृत्ताकार
होती है। यह इंगित करता है कि आती हुई तरंग पर वस्तुओं का वहन आगे तथा ऊपर की ओर होता है एवं लौटती हुई तरंग पर नीचे तथा पीछे की ओर।

तरंगों की विशेषताएँ

तरंग शिखर एवं गर्त (Wave crest and trough) – एक तरंग के उच्चतम एवं निम्नतम बिंदुओं को क्रमशः शिखर एवं गर्त कहा जाता है।
तरंग की ऊंचाई (Wave height) – यह एक तरंग के गर्त के अधःस्थल से शिखर के ऊपरी भाग तक की ऊर्ध्वाधर दूरी है।
तरंग आयाम (Amplitude) – यह तरंग की उफँचाई का आधा होता है।
तरंग काल (Wave period) – तरंग काल एक निश्चित बिंदु से गुजरने वाले दो लगातार तरंग शिखरों या गर्तों के बीच का समयान्तराल है।
तरंगदैर्ध्य (Wavelength) – यह दो लगातार शिखरों या गर्तों  के बीच की क्षैतिज दूरी है।
तरंग गति (Wave speed) – जल  के माध्यम से तरंग के गति करने की दर को तरंग गति कहते हैं तथा इसे नाॅट में मापा जाता है।
तरंग आवृत्ति (Wave frequency) – यह एक सेकण्ड के समयान्तराल में दिए गए बिंदु से गुजरने वाली तरंगों की संख्या है।

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