उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वौच्च पद होता है। भारतीय संविधान में उपराष्ट्रपति का पद अमेरिका (America) के संविधान से लिया गया है। निर्वाचन उपराष्ट्रपति का निर्वाचन भी राष्ट्रपति की तरह एकल संक्रमणीय पद्धतिव गुप्त मतदान द्वारा होता हैं। लेकिन यह राष्ट्रपति के निर्वाचन से दो बातो में भिन्न है – इसमें…
Read Moreराष्ट्रपति द्वारा किए जाने वाले कार्य व शक्तियां निम्न है — कार्यकारी शक्तियां (Executive powers) भारत सरकार के सभी शासन संबंधी कार्य राष्ट्रपति के नाम पर किए जाते है। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है और उसकी सलाह पर अन्य मंत्रियो की नियुक्ति व उनके मध्य मंत्रालयों का वितरण करता…
Read Moreअनु०-61 अनु०-61 के अंतर्गत संविधान के उल्लंघन के आधार पर महाभियोग की प्रक्रिया द्वारा (राष्ट्रपति व उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश) को उनके पद से हटाया जा सकता सकता है। प्रक्रिया महाभियोग का आरोप संसद के किसी भी सदन में लगाया जा सकता है , इसके लिए सदन के कुल सदस्यों…
Read Moreभारतीय संविधान में अनु० – 52 के अंतर्गत राष्ट्रपति पद की व्यवस्था की गई है , राष्ट्रपति कार्यपालिका संबंधी समस्त शक्तियों का प्रयोग प्रत्यक्ष अथवा अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करता है , भारत सरकार की समस्त कार्यपालिका कार्यवाही राष्ट्रपति के नाम से संचालित होती है। राष्ट्रपति का निर्वाचन…
Read Moreभारतीय संविधान के भाग – 4A में अनु०-51A के अंतर्गत नागरिकों हेतु मौलिक कर्तव्यों (Fundamental duties) का वर्णन किया गया है। भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों मौलिक कर्तव्यों (Fundamental duties) के लिए कोई व्याख्या नहीं थी। इसे 42 वें संविधान संसोधन अधिनियम 1976 के द्वारा संविधान के भाग – 4A…
Read Moreराज्य के नीति निदेशक तत्त्व (DPSP-DIRECTIVE PRINCIPLES OF STATE POLICY) का उल्लेख संविधान के भाग – 4 में अनु० 36 – 51 के मध्य किया गया है। इन्हें वर्ष 1937 में निर्मित आयरलैंड (Ireland) के संविधान से लिया गया है। राज्य के नीति निदेशक तत्व शासन व्यवस्था के मूलभूत अधिकार है…
Read Moreसंवैधानिक उपचारों का अधिकार वह साधन है , जिसके द्वारा मौलिक अधिकारों का हनन होने पर इसकी रक्षा उच्चतम न्यायालय (SC) व उच्च न्यायालय (HC) द्वारा की जा सकती है। इन अधिकारों का हनन होने पर उच्चतम न्यायालय (SC) अनु० – 32 व उच्च न्यायालय (HC) अनु० – 226 के…
Read Moreअनुच्छेद (29) – अल्पसंख्यकों के हितो का संरक्षण संविधान में अल्पसंख्यकों के हितो के संरक्षण के दो आधार बताए गए है। धार्मिक (Religious) भाषायी (Linguistic) अल्पसंख्यकों के हितो के संरक्षण के अंतर्गत निम्न प्रावधान किए गए है — इसके तहत यह प्रावधान किया गया है की भारत के किसी भी…
Read Moreअनुच्छेद (25) – अंत:करण , धर्म के आचरण की स्वतंत्रता और धर्म का प्रचार – प्रसार करने की स्वतंत्रता इसके अंतर्गत अंत:करण की स्वतंत्रता निहित है। जिसके तहत व्यक्ति ईश्वर के किसी भी रूप को मान सकता है , इसका प्रचार व प्रसार कर सकता है और यह भी स्वतंत्रता…
Read Moreअनु० 23 – मानव दुर्व्यापार एवं बाल श्रम का निषेध अनु० 23 मानव के दुर्व्यापार , बेगार और सभी प्रकार के बाल श्रम को निषेध करता है। यह अधिकार नागरिक और गैर-नागरिक दोनों के लिए उपलब्ध है। मानव दुर्व्यापार (Human Miserable) – पुरुष , महिला , बच्चो के खरीद फरोख्त से , वेश्यावृत्ति ,…
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