जीवन की उत्पत्ति समुद्र से हुई थी। प्रथम संभावित स्वगुणक अणु रीबोन्यूक्लीक एसिड (RNA) थे। यह डिऑक्सी राइबोन्यूक्लिक अम्ल (DNA) के समान ही एक न्यूक्लिक अम्ल है। इसका स्वय को गुणित करने का गुण जीवन के निर्माण में महत्वपूर्ण है। इसे रीबोन्यूक्लीक एसिड (RNA) विश्व परिकल्पना कहा जाता है। सभी सजीवों के पूर्वज संभवतः…
Read Moreरंग वर्णान्धता (Colour blindness) : इस आनुवांशिक रोग में व्यक्ति को लाल व हरे रंग का भेद नहीं हो पाता है। हीमोफीलिया (Haemophilia) – इसे रक्त स्रावण रोग या लिंग सहलग्न रोग भी कहते हैं। यह रोग पुरूषों में होता है। हंसियाकार रक्ताणु ऐनीमिया (Sickle cell anaemia) – यह आनुवांशिक रोग सुप्त जीन…
Read More‘आनुवंशिक’ शब्द का सर्वप्रथम उपयोग वेटसन द्वारा वर्ष 1906 में किया गया था। प्रत्येक जीव में बहुत से ऐसे गुण होते हैं जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी माता-पिता से उनकी संतानों में संचारित होते रहते हैं। जीवों के इन मूल गुणों का संचरण आनुवंशिकता कहलाता है। इसी के कारण ही प्रत्येक जीव के…
Read Moreएलील (Allele) – वे जीन जो लक्षण को नियंत्रित करते हैं, एलील कहलाते हैं। ये जोड़े में होते हैं एवं प्रत्येक जीन एक-दूसरे का एलील कहलाता है। दोनों जीन मिलकर युग्म विकल्पी (Alleles) का निर्माण करते हैं। समयुग्मज (Homozygous) – किसी जीन या गुण को समान एलीलि कोड करने वाले दो के…
Read Moreजीव विज्ञान की शाखा वैज्ञानिक जन्तु विज्ञान (Zoology / Animal Biology) अरस्तु (Aristotle) आनुवंशिकी विकिरण जी जे मेण्डल आनुवंशिकी एच जे मुलर तुलनात्मक रचना जी क्यूवियर आधुनिक आनुवंशिकी बेटसन जीरोन्टोनोलॉजी वाल्डिमिर कोरनेचेवस्की आधुनिक शारीरिकी एन्ड्रियस विसैलियस चिकित्साशास्त्र हिप्पोक्रेट्स सूक्ष्मजैविकी लुई पाश्चर प्रतिरक्षा विज्ञान एडवर्ड जेनर जीवाणु विज्ञान रॉबर्ट कोच रक्त…
Read Moreप्रत्येक जीव का जन्म एककोशीय युग्मज (युग्मनज) से होता है। इन एककोशीय कोशिका का विभाजन होने से शरीर की अन्य कोशिकाओं का निर्माण होता हैं। एककोशीय युग्मज (युग्मनज) का विभाजन हुए बिना इतने प्रकार के ऊतक (tissues) और अंग (Organ) का निर्माण नहीं हो पाता। एककोशीय कोशिका विभाजन दो प्रकार का…
Read Moreप्रत्येक जीव के अंगों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है – समजात अंग (Homologous Organs) समरूप अंग (Analogous Organs) अवशेषी अंग (Vestigial Organs) समजात अंग (Homologous Organs) – वह अंग, जो विभिन्न कार्यों के लिए विकसित हो जाने के कारण असमान दिखाई दे सकते हैं, परन्तु मूल रचना एवं भ्रूणीय…
Read Moreथियोडोसियस डोबहास्की (Theodosius Dobahsky) के अनुसार जीव विज्ञान (Biology) का अर्थ क्रमिक विकास में है। जैव विकास एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में होने वाला आनुवंशिक (Genetic) परिवर्तन है। पृथ्वी के प्रारंभ से ही निम्नकोटि के जीवों का क्रमिक परिवर्तनों द्वारा निरंतर अधिकाधिक जटिल जीवों की उत्पत्ति वास्तविक रूप से…
Read Moreप्राणी कोशिका प्राणी कोशिका में कोशिका भित्ति अनुपस्थित होती है। यह केवल प्लाज्मा झिल्ली से घिरी रहती है। इसमें क्लोरोप्लास्ट नहीं होते हैं। सेंट्रोसोम एवं तारक केंद्र होते हैं। यह आकार में छोटी व अनियमित होती है। पादप कोशिका पादप कोशिका में कोशिका भित्ति उपस्थित होती है।पादप कोशिका यह प्लाज्मा झिल्ली के…
Read Moreप्लाज्मा झिल्ली (Plasma membrane) यह झिल्ली पदार्थों के भीतर आने या बाहर जाने पर नियंत्रण रखती है। यह झिल्ली प्रोटीन एवं लिपिड की बनी होती है। कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) यह कोशिका के अंदर का तरल पदार्थ है जो पारदर्शी व चिपचिपा होता है। केन्द्रक (Nucleus) कोशिका के मध्य में एक…
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