गठन – 1 नवंबर 1966 मुख्यालय- कुल्लू भाषा – कुल्ल्वी, हिंदी,शिराजी (लोकल भाषा) कुल्लू भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक जिला है। कुल्लू घाटी को पहले कुलंथपीठ कहा जाता था। कुलंथपीठ का शाब्दिक अर्थ है रहने योग्य दुनिया का अंत। कुल्लू घाटी भारत में देवताओं की घाटी रही है। विज नदी के किनारे बसा यह स्थान…
Read Moreगठन – 1 सितम्बर 1972 मुख्यालय- सोलन भाषा – पहाड़ी, हिंदी सोलन हिमाचल प्रदेश राज्य में सोलन जिले का जिला मुख्यालय है जिसका अस्तित्व 1 सितंबर 1 9 72 को हुआ । हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी नगर परिषद, यह राज्य की राजधानी शिमला से 46 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। सोलन जिला हिमाचल प्रदेश के…
Read Moreगठन – 15 अप्रैल 1948 मुख्यालय- नाहन भाषा – धारटी, बिशवाई, सिरमौरी , हिंदी सिरमौर जिला बाहरी हिमालय में स्थित है, जिसे सामान्यता शिवालिक रेंज के रूप में जाना जाता है। इस जिले के उतर में शिमला, पूर्व में उतराखंड राज्य, दक्षिण में हरियाणा राज्य और उत्तर-पश्चिम में सोलन जिले की सीमायें लगती है।…
Read Moreदर्रे क्या होते है(What are the passes): पहाडि़यों एवं पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन के लिए एक पहाडि़ से दुसरी पहाडि़ के मध्य मार्गो को दर्रा कहा जाता है। दर्रे का मतलब होता है दो पहाड़ों के बीच की जगह, जो नीचे की ओर दब गई हो, ये संरचना ज्यादातर पहाड़ों से…
Read Moreहिमाचल प्रदेश का भूगोल हिमाचल प्रदेश का देशांतर और अक्षांश (Longitude and latitude of Himachal Pradesh) हिमाचल प्रदेश 30°22′ से 33°12′ उत्तरी अक्षांस तथा 75°47′ से 79°4′ पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है। इसके पूर्व में तिब्बत, उत्तर में जम्म-कश्मीर, दक्षिण पर्व में उत्तराखंड, दक्षिण में हरियाणा तथा पश्चिम में…
Read Moreहिमाचल के स्वाधीनता संग्राम में ‘धामी गोली काण्ड’ ‘चम्बा विद्रोह’, ‘पझौता विद्रोह’ ‘मण्डी तथा बिलासपुर विद्रोह’ ‘सुकेत आन्दोलन’, आदि प्रमुख घटनाएं हैं। सांमती शासन और विदेशी हस्तक्षेप से ग्रस्त पहाड़ी जनता ने आखिर अपनी सुप्त चेतना को संसार के सामने लाकर स्वाधीनता का बिगुल बजा ही दिया। 1. दूम्ह आन्दोलन (Duma…
Read MoreModern history of Himachal Pradesh हिमाचल में गोरखों का आक्रमण(Gorkha Invasion in Himachal): राजा संसार चन्द के व्यवहार से तंग आकर बिलासपुर, मण्डी, चम्बा और अन्य शासकों ने गोरखा सेनापति अमर सिंह थापा को संसार चन्द पर आक्रमण का न्योता दिया। अमर सिंह थापा ने वर्ष 1804 ई. में यमुना नदी…
Read Moreहिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों प्रकार की झीलें विद्यमान हैं। यहाँ की प्रमुख झीलें इस प्रकार हैं- 1. मणिमहेश झील भरमौर (Manimahesh Lake)- यह झील चम्बा से 100 किमी की दूरी पर भरमौर उपमण्डल में स्थित है। इस झील की समुद्रतल से ऊँचाई 4200 मीटर है। इस झील का अनुमानित व्यास…
Read Moreमेले व त्यौहार किसी भी देश व प्रदेश की संस्कृति तथा मानवीय भावनाओं को जोड़ने का एक सरल व माध्यम समझे जाते हैं। मेले हमारी मानसिक कुंठा का दमन कर प्रेम व भाईचारे का संदेश देते हैं। त्यौहार हमें सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से जोड़ने का काम करते हैं। आधुनिक स्वरूप की…
Read Moreहिमाचल प्रदेश में मनाए जाने वाले त्यौहारों (Festivals) का प्रदेश में बदलती ऋतुओं से सीधा संबंध है। प्रत्येक नई ऋतु के आने पर कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। इसके साथ कुछ त्यौहारों के फसल का आने से भी संबंध है। त्यौहारों की नथियां देशी विक्रमी संवत् के महीनों…
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