जर्मन चांसलर बिस्मार्क ने 1870-1871 में फ्रांस को पराजित एवं अपमानित कर जर्मनी का एकीकरण किया। इसके साथ ही यूरोप में गुप्त संधियों का दौर शुरु हुआ और जिसका परिणाम स्वरुप 1914 में विश्वयुद्ध हुआ। प्रथम विश्वयुद्ध के कारण: आयुद्धों की होड़ विकृत राष्ट्रवाद आतंकवादियों ने आस्ट्रिया के राजकुमार फ्रांज…
Read Moreद्वितीय विश्व युद्ध 1 सितम्बर 1939 को शुरु हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध के कारण वार्साय की संधि तुष्टिकरण की नीति राष्ट्र संघ की असफलता उग्र राष्ट्रवाद सैन्यीकरण द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 1938 ई. तक हिटलर की आक्रामक गतिविधियों के कारण यूरोप का वातावरण तनावपूर्ण हो गया था। हिटलर…
Read More16वीं सदी में पोप की सत्ता एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आन्दोलन प्रारम्भ हुआ, जिसे धर्मसुधार आन्दोलन कहा गया है। यह धर्म सुधार दो तरह से हुआ – प्रोटेस्टेंट धर्म सुधार: इसमें कैथोलिक धर्म में व्याप्त बुराइयों को चुनौती दी गयी, एवं एक नवीन धर्म का उदय हुआ। प्रतिधर्म सुधार…
Read Moreमृदा ठोस भूपटल के ऊपरी असंगठित पदार्थों की परत है, जिसका निर्माण चट्टानों के विखंडन से होता है। मृदा निर्माण में जल, आर्द्रता और तापमान जैसे अन्य प्राकृतिक कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं। बिहार राज्य के 90 % भाग पर जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है, जिसका निर्माण गंगा नदी के…
Read Moreवैज्ञानिक आविष्कारों और अनुसंधानों के कारण न केवल विज्ञान के क्षेत्र में बल्कि धर्म,राजनीति, अर्थव्वस्था, दर्शन, साहित्य आदि अनेक मानवीय क्षेत्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का उदय हुआ इस वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर विकसित दार्शनिक या वैचारिक क्रान्ति को प्रबोधन या ज्ञानोदय कहते हैं। प्रबोधन की विशेषताएँ प्रयोग एव परीक्षण…
Read Moreऔद्योगिक क्रान्ति से तात्पर्य है कि उत्पादन की पद्धति परिवर्तन। औद्योगिक क्रान्ति परिवर्तनों की एक सतत श्रृंखला है। सर्वप्रथम “लुई ब्लों” नामक समाजवादी विचारक ने मुहावरे के तौर पर इस शब्द का प्रयोग किया। औद्यागिक क्रान्ति ने न केवल आर्थिक जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन किया बल्कि सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक जीवन…
Read Moreवर्ष 1971 में ईरान (Iran) में आयोजित रामसर सम्मेलन (Ramsar conference) के अनुसार आर्द्रभूमि निम्न रूप में परिभाषित किया जा सकता है | जैसे – दलदल (Marsh), पंकभूमि (Fen), पिटभूमि, जल, कृत्रिम या अप्राकृतिक, स्थायी या अस्थायी , स्थिर जल या गतिमान जल, ताजा पानी , खारा व लवणयुक्त…
Read Moreबिहार में सदाबहार एवं मौसमी नदियों के अतिरिक्त जल के अन्य प्रमुख स्रोतों जैसे – गर्म जल के स्रोत (कुंड), जलप्रपात, झील आदि सम्मिलित हैं। बिहार के गया, नालंदा और मुंगेर क्षेत्रो में गर्म जल के अनेक कुंड हैं। वह प्राकृतिक स्थल जहाँ जल भूगर्भ से स्वतः बाहर निकालता है…
Read Moreबिहार के मैदानी भागों में अनेक प्राकृतिक झीलें पाई जाती हैं। बिहार के उत्तरी भाग में गंगा के मैदान में निम्न ढाल के कारण नदी बहाव अत्यंत मंद हो जाता है। जिस कारण नदी अपने साथ बहाकर लाए गए अवसाद को उसी स्थान पर निक्षेपित कर देती है, इसके फलस्वरूप…
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