विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के प्रथम व्यक्ति

1. उत्तराखंड राज्य के प्रथम मुख्यमन्त्री  2. उत्तराखंड राज्य के प्रथम राज्यपाल 3. उत्तराखंड राज्य के प्रथम निर्वाचित मुख्यमन्त्री  4. उत्तराखंड राज्य के प्रथम लोकआयुक्त/लोक अधिवक्ता 5. उत्तराखंड राज्य के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त  6. उत्तराखंड राज्य के प्रथम मुख्य निर्वाचन आयुक्त 7. उत्तराखंड राज्य के प्रथम विधान सभा अध्यक्ष …

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चक्रवात एवं प्रतिचक्रवात (Cyclone and Anticyclone)

चक्रवात (Cylone) चक्रवात का संबंध निम्न वायुदाब के केन्द्र से  हैं, जिनके चारों तरफ समर्केन्द्रीय समवायुदाब रेखाएँ विस्तृत होती हैं तथा केन्द्र से बाहर की ओर वायुदाब बढ़ता जाता है। परिणाम स्वरूप बाहर (परिधि) से केन्द्र की ओर हवाएँ चलने लगती है। हवा की दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी के…

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वाताग्न का निर्माण व उत्पत्ति

वाताग्न वह सीमा है जिसके सहारे दो विपरीत स्वभाव वाली वायु (ठंडी व गर्म वायु) आपस मिलती हैं। यह ठंडी व गर्म वायु के मध्य 5 से 80 Km चौड़ी एक संक्रमण पेटी होती है। इसे वाताग्न प्रदेश भी कहा जाता है। वाताग्न उत्पत्ति की प्रक्रिया को वाताग्न उत्पत्ति एवं…

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वायुदाब पेटियाँ (Air Pressure Belts)

पृथ्वी की सतह पर वायु के भार द्वारा लगाया गया दाब, वायु  दाब कहलाता है। वायुमंडल में ऊपर की तरफ जाने पर दाब (Pressure) तेजी से गिरने लगता है। समुद्र स्तर पर वायुदाब सर्वाधिक होता है और ऊंचाई पर जाने पर यह घटता जाता है। वायु दाब (Air Pressure) का…

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पृथ्वी का उष्मा बजट (Heat budget of the earth)

पृथ्वी पर औसत तापमान लगभग एक समान रहता है। यह सूर्यातप (Insolation) और भौतिक विकिरण (Physical radiation) में संतुलन के कारण ही संभव हुआ है।  सूर्यातप (Insolation) और भौतिक विकिरण (Physical radiation) के मध्य संतुलन को ही पृथ्वी की उष्मा बजट (Heat budget) कहते हैं। यदि सूर्य से पृथ्वी के वायुमंडल की ऊपरी सतह…

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सूर्यातप या सौर विकिरण (Insolation or Solar Radiation)

सौर विकिरण के द्वारा वायुमंडल तथा पृथ्वी के धरातलीय भाग पर प्राप्त होने वाली उष्मा (सूर्यातप) का मुख्य स्रोत सूर्य है जिससे लघु तरंगों के रूप में ऊर्जा प्राप्त होती है। सामान्यत: सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा को सूर्यातप कहते हैं। सूर्य दहकता हुआ गैस का गोला है जिसके कारण…

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भारत में जनजातीय क्षेत्रों की समस्याएँ व समाधान

भारत में जनजातीय क्षेत्रों में आने वाली मुख्य समस्याएँ निम्नलिखित है – भूमि पर अधिकारों में आती कमी अंग्रेजों के आगमन से पूर्व भूमि पर  जनजातियों का पूर्ण अधिकार था परंतु उनके आगमन व स्वतंत्रता के पश्चात् तथा वन कानूनों से भूमि पर उनका अधिकार छिनता चला गया जिनसे इनकी संस्कृति…

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भारत राज्यक्षेत्र में निवास करने वाली प्रमुख जनजातियाँ

उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियाँ यहाँ की प्रमुख जनजातियाँ भोटिया, थारू, बुक्सा, जौनसारी, राज शौका, खरवार और माहीगीर हैं। उत्तराखंड के नैनीताल में जनजाति की संख्या सर्वाधिक है। उसके बाद देहरादून का स्थान आता है। थारू — ये नैनीताल से लेकर गोरखपुर एवं तराई क्षेत्र में निवास करती हैं जो किरात वंश की…

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भारत के प्रमुख जनजातीय क्षेत्र (Major Tribal Areas of India)

वर्ष 1960 ई. में चंदा समिति की रिपोर्ट के आधार पर अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत किसी भी जाति या समुदाय को सम्मिलित किए जाने के मुख्य 5 मानक निर्धारित किए थे। भारत में कुल 461 जनजातियाँ हैं जिनमें से 424 अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आती हैं। इन्हें सात क्षेत्रों में बाँटा जा सकता है – उत्तरी क्षेत्र  इसके…

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वर्ष 1931 की जनगणना रिपोर्ट के आधार भारत में रहने वाली जाति और जनजाति

वर्ष 1931 की जनगणना रिपोर्ट के आधार पर डॉ. बी. एस. गुहा का प्रजाति वर्गीकरण सबसे प्रमुख व सर्वमान्य है, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है – नीग्रो (Negros)  नीग्रो (Negros) प्रजाति के लोग मुख्यत: अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में पाएँ जाते हैं।  इन्हें भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निम्न नामों से जाना…

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