बिहार में वन्य जीव-जंतु एवं संरक्षण

भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा भारत में वन्य जीव-जंतु संरक्षण हेतु योजनाओं का क्रियान्वयन एवं निर्देशन किया जाता है। इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं। वन्य जीवन (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 में वन्य जीवन के संरक्षण एवं विलुप्त होती जा रही प्रजातियों के संरक्षण के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस अधिनियम के…

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बिहार में वन (Forest in Bihar)

बिहार राज्य का अधिकांश क्षेत्रफल मैदानी है। अत्यधिक जनसंख्या घनत्व और कृषि भूमि पर दबाव के कारण प्राकृतिक वनस्पति, पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। बिहार में अधिकांश वर्षा  मानसूनी जलवायु के कारण होती है, अतः यहाँ वनस्पति के निर्धारण में वर्षा की मात्रा एक प्रमुख कारक है। बिहार के कुल…

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बिहार में वन संपदा (Forest estate in Bihar)

वह उत्पाद जो हमें वनों से प्राप्त होते है वन संपदा कहलाते हैं। बिहार में वनों से प्राप्त होने प्रमुख/मुख्य एवं गौण उत्पाद निम्न हैं, जिनके एकत्रीकरण एवं विपणन का कार्य बिहार राज्य वन विकास निगम द्वारा किया जाता है। मुख्य उत्पाद  वनों से प्राप्त होने वाले मुख्य उत्पाद में…

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बिहार की जलवायु (Bihar’s climate)

बिहार का संपूर्ण भाग उपोष्ण कटिबंध क्षेत्र में स्थित राज्य है, जो एक मानसूनी जलवायु का प्रदेश है। बिहार की जलवायु आर्द्र उपोष्ण जलवायु (Humid Subtropical climate ) है। किसी स्थान की जलवायु पर सर्वाधिक प्रभाव (Latitude) का पड़ता है, इसके अतिरिक्त अन्य कारकों में ऊँचाई, समुद्र से दूरी, वायु…

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बिहार में मृदा संसाधन

मृदा ठोस भूपटल के ऊपरी असंगठित पदार्थों की परत है, जिसका निर्माण चट्टानों के विखंडन से होता है। मृदा निर्माण में जल, आर्द्रता और तापमान जैसे अन्य प्राकृतिक कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं। बिहार राज्य के 90 % भाग पर जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है, जिसका निर्माण गंगा नदी के…

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बिहार में आर्द्रभूमि क्षेत्र (Wetlands in Bihar)

वर्ष 1971 में ईरान (Iran) में आयोजित रामसर सम्मेलन (Ramsar conference) के अनुसार आर्द्रभूमि  निम्न रूप में परिभाषित किया जा सकता है | जैसे – दलदल (Marsh), पंकभूमि (Fen), पिटभूमि, जल, कृत्रिम या अप्राकृतिक,   स्थायी या अस्थायी , स्थिर जल या    गतिमान जल, ताजा पानी , खारा व लवणयुक्त…

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बिहार के प्रमुख गर्म जलकुंड

बिहार में सदाबहार एवं मौसमी नदियों के अतिरिक्त  जल के अन्य प्रमुख स्रोतों जैसे – गर्म जल के स्रोत (कुंड), जलप्रपात, झील आदि सम्मिलित हैं। बिहार के गया, नालंदा और मुंगेर क्षेत्रो में गर्म जल के अनेक कुंड हैं। वह प्राकृतिक स्थल जहाँ जल भूगर्भ से स्वतः बाहर निकालता है…

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बिहार की प्रमुख झीलें (Major lakes of Bihar)

बिहार के मैदानी भागों में अनेक प्राकृतिक झीलें पाई जाती हैं। बिहार के उत्तरी भाग में गंगा के मैदान में निम्न ढाल के कारण नदी बहाव अत्यंत मंद हो जाता है। जिस  कारण नदी अपने साथ बहाकर लाए गए अवसाद को उसी स्थान पर निक्षेपित कर देती है, इसके फलस्वरूप…

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बिहार के प्रमुख जलप्रपात (Waterfall)

जलप्रपात (Waterfall) उस भौगोलिक स्थिति को कहते हैं, जहाँ नदी पर्वतीय अथवा पठारी क्षेत्र से तीव्र ढाल से होते हुए नीचे उतरती है। उस भौगोलिक क्षेत्र में जहाँ  कठोर और मुलायम चट्टान क्षैतिज अवस्था में होती है, वहाँ मुलायम चट्टान का तेजी से अपरदन होता है, जबकि कठोर चट्टान यथावत्…

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यूरोप में पुनर्जागरण (Renaissance in Europe)

पुनर्जागरण का शाब्दिक अर्थ होता है पुन:जागना। पुनर्जागरण के कारन यूरोप में  कला, साहित्य, राजनीति, समाज,अर्थव्यवस्था, धर्म में एक नई प्रकार की सोच या मनोदशा का विकास हुआ। पुनर्जागरण के कारण: धर्मयुद्ध: पश्चिमी यूरोपीय राष्ट्र एवं अरबों के बीच जेरूसलम पर अधिकार को लेकर युद्ध हुए। इन युद्धों के कारण…

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