उत्तराखंड के प्रमुख जलकुंड (Major Jalkund of Uttarakhand)

उत्तराखंड के प्रमुख ठण्डे जलकुंड  पिथौरागढ़ जिले में स्थित प्रमुख ठण्डे जलकुंड सूर्यकुण्ड ‘गौरी गंगा’ नन्दाकुण्ड ‘मिलम के पास’ मैसर कुण्ड थामरी कुण्ड पार्वती कुण्ड चमोली जिले में स्थित प्रमुख ठण्डे जलकुंड ऋषिकुंड (Rishi kund) बेदिनी कुंड (Bedini Kund) होमकुंड (HomeKund) हेमकुंड (Hem kund) गौरीकुंड (Gauri kund) नाग कुंड (Nag…

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उत्तराखण्ड की प्रमुख गुफाएं व उड्यार

गुफा प्राकृतिक रूप से भूमिगत व चट्टानों के मध्य खोखला स्थान है। भूमिगत उड्यार व गुफाओं का निर्माण तब होता हैं जब भूमिगत अम्लीय जल नरम पत्थरों जैसे चूना पत्थर को घिस देता है। कठोर चट्टानों, जैसे ग्रेनाइट में गुफाओं का निर्माण प्राकृतिक आपदाओं व जलप्रवाह के कारण भी हो…

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उत्तराखण्ड के प्रमुख ग्लेशियर (Major glaciers of Uttarakhand)

“ग्लेशियर” शब्द का उद्भव फ्रेंच शब्द glace (glah-SAY) से हुआ है, जिसका अर्थ है बर्फ। ग्लेशियरों को “बर्फ की नदियाँ” भी कहा जाता है। ऊँचाई वाले क्षेत्रों में स्थित वह हिमखंड जिनमें गलने व खिसकने आदि क्रिया होती है, उन्हें हिमानी, हिमनद, बर्फ की नदियाँ व ग्लेशियर कहा जाता है।…

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उत्तराखण्ड राज्य के प्रमुख दर्रे (Major Passes of Uttarakhand State)

दो पर्वतों के मध्य वह सँकरे और प्राकृतिक मार्ग, जिनसे होकर पर्वतों को पार किया जा सकता है, दर्रे (Passes) कहलाते हैं। उत्तराखंड राज्य में स्थित ट्रांस हिमालय, वृहत हिमालय, मध्य हिमालय तथा शिवालिक हिमालय श्रेणियों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए अनेक प्राकृतिक  मार्ग है,…

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उत्तराखण्ड राज्य के प्रमुख बुग्याल

बुग्याल भारत के उत्तराखंड राज्य में हिमालय की तलहटी में 3,300 मीटर (10,800 फीट) और 4,000 मीटर (13,000 फीट) के बीच उच्च ऊंचाई वाली श्रेणी में अल्पाइन चरागाह भूमि या घास के मैदानों को बुग्याल कहा जाता हैं, जहां उन्हें “प्रकृति का उद्यान” भी कहा जाता है। बुग्याल की स्थलाकृति…

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उत्तराखण्ड राज्य की प्रमुख जल परियोजनाएं (Major Water Projects of Uttarakhand State)

देहरादून जिले की प्रमुख जल परियोजनाएं ढालीपुर परियोजना टोंस नदी लखवाड़ परियोजना यमुना नदी पर छिबरो परियोजना टोंस नदी खोदरी परियोजना यमुना, टोंस नदी हथियारी परियोजना यमुना नदी ढकरानी परियोजना यमुना नदी कुल्हाल परियोजना यमुना नदी ग्लोगी मसूरी परियोजना भट्टाफाल किशोऊ परियोजना टोंस नदी  टिहरी जिले की प्रमुख जल परियोजनाएं  …

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कुमाउँनी लोक साहित्य (Folk literature of Kumaon)

कुमाउँनी लोक साहित्य को मुख्यत: दो भागों में विभाजित किया जा सकता हैं – लिखित साहित्य (Written literature) मौखिक लोक साहित्य (Oral folk literature) लिखित साहित्य (Written literature)  डॉ. योगेश चतुर्वेदी के अनुसार लोहाघाट के एक व्यापारी के पास से चंपावत के चंद राजा थोर अभय चंद का 989 ई.…

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उत्तराखंड – संक्षिप्त विवरण

9 नवम्बर 2000 को उत्तर प्रदेश के 13 हिमालयी जिलों को काटकर भारतीय गणतंत्र के के 27 वे तथा हिमालयी राज्यों के क्रम में 11 वें राज्य के रूप उत्तराँचल (Uttaranchal) राज्य का गठन किया गया। 1 जनवरी 2007 को राज्य का नाम परिवर्तित कर उत्तराखंड (Uttarakhand) कर दिया गया।…

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उत्तराखंड संगीतकला (Uttarakhand Music)

भाषा, शैली, विषय, गायन और समय आदि के आधार पर उत्तराखंड के लोकगीतों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है – प्रेम या प्रणय गीत − इन गीतों के अंतर्गत दाम्पत्य जीवन के प्रेम संबंधी गीत, पौराणिक लोकगाथाएं आदि गीत आते है, जिन्हें निम्नलिखित श्रेणी में विभाजित किया…

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उत्तराखंड − कुमाऊँ क्षेत्र के प्रमुख किले

उत्तराखंड के अधिकांश किले (fort) कुमाऊँ क्षेत्र में ही स्थित है, जो निम्नलिखित है −   गोल्ला चौड़ किला − यह एक प्राचीन किला है, जिसका निर्माण राजा गोरिल द्वारा करवाया गया था। सिरमोही किला − यह एक प्राचीन किला है, जो ग्राम सिरमोली (लोहाघाट) में स्थित है। खगमरा किला…

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