प्रत्येक वर्ष 29 अप्रैल को प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार राजा रवि वर्मा (1848-1906) की जयंती के रूप में मनाया जाता है। प्रमुख बिंदु प्रारंभिक जीवन और प्रशिक्षण: राजा रवि वर्मा का जन्म 1848 त्रावणकोर (केरल) में एक कुलीन परिवार में हुआ था। 14 वर्ष की आयु में, उन्हें त्रावणकोर के तत्कालीन…
Read Moreहाल ही में, केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री द्वारा SVAMITVA योजना के बारे में दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह योजना 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (National Panchayati Raj Day) के दिन शुरू की गई थी। SVAMITVA Scheme – Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in…
Read Moreप्रत्येक वर्ष 26 अप्रैल को वैश्विक रूप से बासवा जयंती के रूप में मनाया जाता। बसवा जयंती 12 वीं शताब्दी के दार्शनिक और समाज सुधारक विश्वगुरु बसवेश्वरा के जन्म के सम्मान में मनाया जाता है , इन्होने मानव जाति को एक अद्वितीय आध्यात्मिक पथ प्रदान किया। बसवेश्वरा का जन्म 1131…
Read Moreअंबुबाची मेला (Ambubachi Mela) प्रत्येक वर्ष असम के कामाख्या मंदिर (गुवाहाटी) में 22 से 27 जून तक आयोजित किया जाता है। प्रमुख बिंदु यह त्यौहार कामाख्या देवी मंदिर (गुवाहाटी, असम) में पीठासीन देवी की वार्षिक माहवारी का प्रतीक है। मंदिर के गर्भगृह में योनी (महिला जननांग) है, जो एक चट्टान…
Read Moreसलामी कर – यह अधिकारियों को भेंट स्वरुप दिया जाने वाला कर था। सौण्या फाल्गुन कर – यह कर त्योहारों व उत्सवों पर भेंट के रूप में लिया जाता था। खान व टकसाल कर। अधनी कानूनगो कर। सायर कर – यह व्यापारियों से लिया जाने वाला चुंगी कर था। दोनिया…
Read Moreटांड कर – यह कर वस्त्र बुनकरों से लिया जाता था। कटक कर – यह कर सेना के रख-रखाव के लिए लिया जाता था। बैकर कर – यह कर अनाज के रूप में लिया जाता था। कनक कर – इस कर का उल्लेख मूनाकोट ताम्रपत्र में है, यह कर व्यापारियों…
Read Moreभारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को ‘सिविल सेवा दिवस (Civil Service Day)’ के रूप में मनाया जाता है। 21 अप्रैल, को अखिल भारतीय सेवा (All India Service) के अधिकारियों को उनकी उत्कृष्ट नागरिक सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाता है। 21 अप्रैल, को सिविल सेवा दिवस (Civil service…
Read Moreउत्तराखंड के तराई क्षेत्र में किस क्षेत्र में पाताल तोड़ कुएं मिलते है। उत्तराखंड में अधिकांश पर्यटन स्थल शिवालिक श्रेणी में स्थित है। शिवालिक पहाड़ियों को प्राचीनकाल में मैनाक पहाड़ियों के नाम से जाना जाता था। मसूरी (पहाड़ों की रानी), मध्य हिमालय श्रेणी में स्थित है। प्राचीन ग्रंथों में वृहत्त हिमालयी…
Read Moreवैज्ञानिकों दृष्टिकोण से भारतीय भू-भाग को 5 भूकम्पीय क्षेत्रों (जोन) में विभाजित किया गया है। जिसमें 2 क्षेत्र (जोन) उत्तराखंड के अंतर्गत आते है – जोन 4 – इसके अंतर्गत संवेदनशील जिले आते है, जैसे – देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, नैनीताल, उधमसिंह नगर। जोन 5 – इसके अंतर्गत अति संवेदनशील जिले आते…
Read Moreकृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किसान रथ (Kisan Rath) ’मोबाइल एप्लिकेशन (ऐप) लॉन्च किया गया है, जिसका उद्देश्य लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान खाद्यानों को परिवहन तक पहुँचाना और खराब होने से बचाना है। इस एप्लिकेशन को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Center – NIC) द्वारा विकसित किया गया…
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