संघ लोक सेवा आयोग UPSC (Union Public Service Commission) द्वारा आयोजित Civil Services Prelims Exam (Paper 1), 2022 की परीक्षा दिनांक 05 June 2022 को सम्पन्न हुई। इस परीक्षा का सामान्य अध्ययन (General Studies) का प्रश्नपत्र उत्तर कुंजी (Exam Paper With Answer Key) सहित यहाँ पर उपलब्ध है। UPSC (Union Public Service Commission) conducts the Civil Services Pre. Examination (Paper 1), on 05…
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019 के लिए 26 जनवरी को भारत रत्न (Bharat Ratna) पुरस्कार पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee), भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika) और नानाजी देशमुख (Nanaji Deshmukh) को प्रदान किया गया। भारत रत्न (Bharat Ratna) देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, यह पुरस्कार कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक…
Read Moreशासन व्यवस्था अकबर ने संपूर्ण साम्राज्य को 15 सूबो (प्रांतो) में विभक्त कर दिया था। सूबों को सरकार (जिला), परगना (तहसील) तथा गांवों में विभक्त कर दिया। इनका कार्यभार निम्नलिखित अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाता थाः । सूबा/प्रांतीय प्रशासन: सिपासालार – यह कार्यकारी मुखिया था, जिसे बाद में निज़ाम या…
Read Moreजन्म – 15 अक्टूबर 1542 ई. (अमरकोट राणा वीरसाल के महल में) माता-पिता – हमीदा बानो बेगम, हुमायूँ मूल नाम – जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर राज्याभिषेक – 14 फरवरी 1556 ई. कलानौर (पंजाब) अकबर का राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 ई. कलानौर (पंजाब) नामक स्थान पर मात्रा 14 वर्ष की अल्पायु में…
Read Moreसंरचना एवं उच्चावच की भिन्नता के आधार पर बिहार को मुख्यत: तीन भागों में विभाजित किया सकता है। शिवालिक पर्वतीय प्रदेश, गंगा का मैदान छोटानागपुर सीमांत पठारी प्रदेश बिहार की क्षेत्रीय प्राकृतिक विविधता, उच्चावच में असमानता, भूमि की विषमता, मिट्टी एवं वनस्पति की विविधता का आधार है। किसी विस्तृत क्षेत्र…
Read Moreबिहार में अनेक प्रकार की भौतिक विविधताएँ जैसे – पर्वत, पठार और मैदान सभी प्रकार की भू-आकृतियाँ पाई जाती हैं। यद्यपि बिहार का अधिकांश भू-भाग मैदानी क्षेत्र है, किन्तु उत्तर में स्थित शिवालिक पर्वत श्रेणी तथा दक्षिण में संकीर्ण पठारी क्षेत्र विविधता उत्पन्न करते हैं। भौतिक दृष्टि के आधार पर…
Read Moreबिहार में लोकनृत्यों का भी अत्यधिक महत्व है। यहाँ सभी पर्वों, जैसे- संस्कार, पर्व और मनोरंजन इत्यादि पर लोकनृत्यों को किया हटा है इन लोकनृत्यों से आपसी सौहार्द और एकता का भाव भी जागृत होता है। राज्य के निम्नलिखित नृत्य उल्लेखनीय हैं करमा नृत्य बिहार की आदिवासी जनजातियों में करमा…
Read Moreबिहार से विभाजित होकर नया राज्य बनने के पश्चात झारखंड में जनजातियों की संख्या बहुत कम हो गई, किन्तु कुछ जनजातियों अभी भी हैं, जो बिहार की समृद्ध सामाजिक संस्कृति को अपनी प्राचीन संस्कृति से योगदान देती हैं। बिहार में पाए जानेवाली प्रमुख जनजातियाँ निम्नलिखित हैं गोंड यह जनजाति बिहार…
Read Moreबिहार के लोकनाट्यों का जनजीवन में काफी महत्वपूर्ण स्थान है। इन नाटयों में अभिनय, संवाद, कथानक, गीत तथा नृत्यों का अत्यधिक महत्व हैं। इन्हें सांस्कृतिक और मांगलिक अवसरों पर दक्ष कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। बिहार में प्रचलित लोकनाट्यों का वर्णन निम्नलिखित है – जट-जटिन यह लोकनाट्य एक जट…
Read Moreभारत में क्षेत्रीयता के आधार पर लोकगीतों का स्थान बहुत महत्त्वपूर्ण है। प्रत्येक राज्य में लोकगीतों की अलग-अलग परंपरा रही है। यह लोकगीतों पर्व-त्योहार, शादी-विवाह, जन्म, मुंडन, जनेऊ आदि अवसरों पर गाए जाते हैं। इन लोकगीतों में अंगिका लोकगीत प्राकृतिक सौंदर्य का तथा मगही लोकगीत पारिवारिक संबंधों का वर्णन करते…
Read Moreऋग्वैदिक काल (1500-1000 ई.पू.) के अंतिम चरण में सामाजिक जीवन में कई प्रकार की कुरीतियों आने लगीं। ऋगवेद के दसवें मंडल के पुरुष सूक्त में पहली बार वर्ण-व्यवस्था का उल्लेख हुआ है, जो उत्तर-वैदिक काल का अंत होते-होते अपने जटिल स्वरूप में आ गयी। छठी सदी तक छुआछूत जैसे कुरीतियाँ…
Read More