हरिराम त्रिपाठी द्वारा भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् (Vande Mataram) का कुमाऊंनी भाषा में अनुवाद किया गया। वंदे मातरम् (Vande Mataram) गीत की रचना बंकिमचंद्र चटोपाध्याय द्वारा की गयी थी, यह गीत बांग्ला-संस्कृत मिश्रित भाषा में लिखा गया है। वर्ष 1989 में यशोधर मठपाल ने “फड़का नौली (अल्मोड़ा)” के…
Read Moreखड़दिया एक प्रकार की पूजा पद्यति है, जिसमें रात भर खड़े होकर हाथ में घी का दिया जलाकर संतान की प्राप्ति हेतु मन्नत माँगी जाती है। मंजूघोशेखर महादेव मंदिर, उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में कामदाह पर्वत पर स्थित है। मंजूघोशेखर महादेव मंदिर में ही प्रत्येक वर्ष काण्डा मेले का आयोजन…
Read Moreवारसु घाटी, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। झुम्पा, उत्तराखंड राज्य का प्रथम म्यूजिक विडियो एल्बम है, जिसके निर्माता गणेश वीरान है। पूर्णागिरि मंदिर, अन्नापूर्णा शिखर (टनकपुर, चंपावत) पर स्थित है। सेमदेव नामक स्थल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। सैमदेव नामक स्थल पर ही बौराणी मेले का…
Read Moreअल्मोड़ा अखबार का प्रथम संपादक बुद्धि बल्लभ जोशी थे। कत्यूरी वंश में ग्राम शासक को पाल्लिका कहा जाता था। गोरखा शासको के शासनकाल में दास मंडी, हरिद्वार जिले के भीमगोड़ा नामक स्थान पर स्थित थी। गोरखनाथ गुफा उत्तराखंड के पौड़ी जिले में स्थित है। चंद वंश के शासक जगतचंद द्वारा…
Read Moreचंद कालीन सबसे पुराना अभिलेख थोहरचंद का प्राप्त हुआ है। चंद वंश के शासक भारतीचंद ने 12 वर्षों तक डोटियों से युद्ध किया था। चंद वंश के शासक कल्याण चंद द्वारा गंगोलीहाट को विजित किया गया था। कत्यूरी शासकों की शीतकालीन राजधानी डिकुली (नैनीताल) थी। ब्रिटिश कमिश्नर हैनरी रैम्जे को…
Read Moreपंतनगर विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति डा. केनेथ एंथनी पार्कर स्टीवेंसन (Dr. Kenneth Anthony Parker Stevenson) थे। वर्ष 1948 में कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय आगरा में रानीखेत में स्थानांतरित किया गया था। कोटलीभेल परियोजना (Kotlibhel Project) उत्तराखंड के टिहरी जनपद में गंगा नदी पर निर्मित की गई है। इस परियोजना की…
Read Moreअन्नापूर्णा नौटियाल को गढ़वाल विश्वविधालय की पहली महिला कुलपति नियुक्त किया गया था। “कोटली बुग्याल” टिहरी जिले में “पांडव चोटी” के समीप स्थित है। कोटली बुग्याल को अप्सराओं का बुग्याल के नाम से भी जाना जाता है। उत्तराखंड संघर्ष वाहिनी द्वारा वर्ष 1948 में नशा नही रोजगार दो का नारा…
Read Moreझूठा मंदिर, कुमाऊं मंडल में चंपावत जिले के प्रवेश द्वार टनकपुर में स्थित है। यह मंदिर मां पूर्णागिरि मंदिर से 1 K.M पहले स्थित है। टनकपुर को मिस्टर टलक द्वारा बसाया गया था। झूला देवी मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में स्थित है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित वैष्णवी देवी मंदिर में…
Read Moreकालसी, देहरादून में यमुना और टोंस नदी के संगम पर स्थित है, जहाँ पर सम्राट अशोक का 13 वां शिलालेख स्थित है। कालसी को कालकूट के नाम से भी जाना जाता है। नीलकंठ पर्वत को गढ़वाल की रानी के नाम से भी जाना जाता है। उत्तरकाशी घाटी में रहने वाले…
Read Moreउत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित वरूणावत पर्वत पर प्रथम बार भूस्खलन वर्ष 2003 में हुआ था। वरूणावत पर्वत पर आयी दरार के बारे में वर्ष 1803 में पता चला था। असी गंगा नदी का उदगम डोडीताल से होता है। असी गंगा, भागीरथी की एक सहायक नदी है। ब्रिटिश अधिकारी…
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