संघ लोक सेवा आयोग UPSC (Union Public Service Commission) द्वारा आयोजित Civil Services Prelims Exam (Paper 1), 2022 की परीक्षा दिनांक 05 June 2022 को सम्पन्न हुई। इस परीक्षा का सामान्य अध्ययन (General Studies) का प्रश्नपत्र उत्तर कुंजी (Exam Paper With Answer Key) सहित यहाँ पर उपलब्ध है। UPSC (Union Public Service Commission) conducts the Civil Services Pre. Examination (Paper 1), on 05…
बिहार में मानव सभ्यता के इतिहास को मुख्यत: दो भागों में विभाजित किया जा सकता है प्राक्-ऐतिहासिक काल ऐतिहासिक काल प्राक्-ऐतिहासिक काल प्राक्-ऐतिहासिक काल से सम्बंधित आदि मानव के निवास के साक्ष्य बिहार के कुछ स्थानों से लगभग 1 लाख वर्ष पूर्व के मिले हैं। ये साक्ष्य पुरापाषाण युग के…
Read Moreबिहार का इतिहास अत्यंत ही समृद्ध एवं वैभवशाली रहा है। संस्कृतियों और धर्मों के अद्भुत समन्वय ने इस भूमि को विश्व के इतिहास में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थान दिया है। बिहार के इतिहास के अध्ययन से संबंधित अनेक प्रकार के स्रोत उपलब्ध हैं। जिनमें पुरातात्त्विक एवं साहित्यिक, दोनों प्रकार के स्रोत…
Read Moreजन्म – 6 मार्च 1508 ई. (काबुल) माता – पिता – माहम बेगम, बाबर मूल नाम – नसीरुद्दीन महमूद राज्याभिषेक – 6 दिसंबर 1530 (आगरा) शासक बनने के पश्चात हुमायूँ ने अपने साम्राज्य का विभाजन अपने भाइयों में कर दिया जो उसकी सबसे बड़ी भूल थी | अपने पिता की…
Read Moreभारत में मुग़ल वंश का संस्थापक बाबर था | बाबर पिता की ओर से “चग़ताई तुर्क” तथा माता की ओर से “मंगोल वंश” से सम्बंधित था| अपने पिता की अकस्मात् मृत्यु के बाद बाबर मात्र 12 वर्ष की आयु में फरगना का शासक बना | किन्तु बाबर के द्वारा लिखित…
Read Moreकेंद्रीय प्रशासन – शासन का प्रधान सुलतान था जो निरंकुश और स्वेच्छाचारी शासक होता था, जो केंद्रीय प्रशासन सामान्यत: 8 मंत्रियों के सहयोग से संचलित किया जाता था | वकील-उस- सल्तनत – यह प्रधानमंत्री था। सुल्तान के सभी आदेश उसके द्वारा ही पारित हात थे | अमीर-ए-जुमला – यह वित्तमंत्री…
Read Moreबहमनी साम्राज्य की स्थापना मुहम्मद बिन तुगलक के काल में अलाउद्दीन हसन बहमन शाह (हसन गंगू) ने की थी | इस वंश के शासकों ने लगभग 180 वर्ष (1347-1527) ई० तक शासन किया | जो क्रमानुसार निम्नलिखित है – अलाउद्दीन हसन बहमन शाह , मुहम्मद शाह, मुजाहिद शाह, मुहम्मद शाह…
Read Moreगयासुद्दीन बलबन का वास्तविक नाम बहाउदीन था तथा इलबारी तुर्क था| बलबन ने सत्ता प्राप्त करने के पश्चात एक नए राजवंश बलबनी वंश (द्वितीय इल्बारी वंश) की स्थापना की| बलबन को बाल्यकाल में ही मंगोलों द्वारा दास के रूप में बेच दिया| इसके पश्चात ख्वाजा जमालुद्दीन अपने अन्य दासों के…
Read Moreभारत में भक्ति आंदोलन का विकास 7वीं और 12वीं शताब्दी के मध्य सर्वप्रथम दक्षिण भारत के तमिलनाडु में हुआ, इसका उल्लेख तमिल ग्रन्थ तिरुमुरई तथा प्रबंधंम में मिलता है | 8वीं शताब्दी में तमिल प्रदेश में नयनार (शिव भक्त) एवं अलवर (विष्णु भक्त) द्वारा भक्ति मार्ग के माध्यम से शैव…
Read Moreभक्ति आन्दोलन एक सामाजिक धार्मिक आंदोलन था जिसने धार्मिक और सामाजिक कठोरता का विरोध किया| भक्ति आन्दोलन में अच्छे चरित्र और शुद्ध विचार पर बल दिया गया। ऐसे समय में जब समाज निष्क्रिय हो गया था, भक्ति संतों ने नए जीवन और शक्ति का संचार किया| इन आंदोलनों ने विश्वास…
Read Moreमूल नाम – कमालुद्दीन फिरोज उपाधि/पदवी – सैयद उस सलातीन खलीफा का नाइब ( स्वयं द्वारा) जन्म – 1309ई.मे (हिंदू माता के गर्भ से ) फिरोजशाह तुगलक की माता- अबोहर के भट्टी राजपूत रणमल की पुत्री थी फिरोज तुगलक का राज्याभिषेक दो बार हुआ प्रथम राज्याभिषेक – 22 मार्च 1351…
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