उत्तराखंड से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 3)

रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रामगढ़ (उत्तराखंड) में गीताजंलि के कुछ पृष्ठों की रचना की गयी। सोमेश्वर मंदिर (उत्तराखण्ड) में की गई पूजा काशी विश्वनाथ मंदिर में की गई पूजा के समतुल्य मानी जाती है। कुमाऊं क्षेत्र में रणचंडी मन्दिर, अल्मोड़ा में स्थित है। अरविंद रतूड़ी (20 वर्ष में) उत्तराखंड से एवरेस्ट पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति है। उत्तराखंड…

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गढ़वाल से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 1)

उत्तराखंड में वर्ष 1967 ई. में पर्वतीय राज्य परिषद का गठन किया गया। कुणाल जातक द्वारा लिखित ग्रंथ में महात्मा गौतम बुद्ध के उषीर गिरी आने का उल्लेख मिलता है। मलारी ग्राम में महापाषाणकालीन शवधानों की खोज शिव प्रसाद डबराल द्वारा की गयी, यहाँ से 5.2 किग्रा का मुकुट मिला…

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उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 5)

पवार वंश के शासनकाल में राजस्व का प्रमुख अधिकारी को क्या कहाँ जाता था – दफ्तरी माधोसिंह भंडारी द्वारा जिसने मलेथा गूल का निर्माण किया गया। माधोसिंह भंडारी पवार वंश के शासक महीपति शाह का सेनापति था अजयपाल को पंवार वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। पंवार वंश के शासक…

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उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 4)

वर्ष 1946 में देवप्रयाग (टिहरी) में हिमालय नक्षत्र वैद्यशाला की स्थापना की गयी थी। गुरु गोविन्द सिंह और गढ़ नरेश फतेहशाह के मध्य पांवटा के निकट भगाणी नामक स्थल पर युद्ध हुआ। सुदर्शन शाह ने अपने दरबार में चैतु और माणकू नामक चित्रकारों को आश्रय दिया था। उत्तराखंड में राजस्व…

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उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 3)

पंवार शासन काल में पितृसत्तात्मक सामाजिक व्यवस्था थी। सामाजिक दृष्टि से श्रीनगर एक मुख्य नगर कौन-सा था। ब्राह्मणों एवं राजपूतों के मध्य कौन-सी विवाह पद्धति प्रचलित थी – ब्रह्मविवाह चावल, गेहूं, जौ और मडुवा पंवार वंश के शासनकाल में प्रमुख खाद्यान्न फसले थी। कृषि व पशुपालन पंवार वंश के शासनकाल…

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उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 2)

वर्ष 1519 ई. में अजयपाल की मृत्यु के पश्चात उसका पुत्र कल्याण शाह गद्दी पर बैठा। तिब्बत को पुराने समय में दाबा कहा जाता था। तिब्बत पर पहला शासक (गढ़वाल) का जिसने आक्रमण किया – विजयपाल गढ़वाल का शासक बलभद्र शाह, भीष्मचंद, बालोचंद, रुद्रचंद एवं चित्रकार मोलाराम मुग़लकालीन शासक अकबर…

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पंवार वंश के शासनकाल में रचित कुछ महत्वपूर्ण ग्रंथ

रचनाएँ लेखक प्रद्युमनो दय रामदत्त फतेहशाह यशोवर्णनम रामचन्द्र सभा भूषण हरिदत्त शर्मा रसविलास काव्य सदानन्द डबराल सुदर्शनों दय कुमुदानन्द कीर्ति विलास सदानन्द डबराल महाकाव्य कनक वंश बालकृष्ण भट्ट सुदर्शन दर्शन (कविता) मोलाराम प्रेम पथिक तोताराम गैरोला भवानी मिलाप योगेन्द्र दत्त दोर्गादली गढ़वाल वर्णन, नरेन्द्र हिन्दु लॉ हरिकृष्ण रतूड़ी मनोदय काव्य…

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उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 1)

887 ई. में मालवा के राजकुमार कनकपाल बद्रीनाथ की तीर्थ यात्रा पर आए थे। इस समय चांदपुरगढ़ का सबसे शक्तिशाली राजा भानुप्रताप था। भानुप्रताप ने अपनी विवाह का विवाह कनकपाल से कर दिया। गढ़वाल के पंवार वंश या परमार वंश का संस्थापक कौन था – कनकपाल (888-898) पंवार वंश की…

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पौरव वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य

राजा जिस स्थान पर अपने परिवार के साथ रहता था उस स्थान को पौरव शासनकाल में कोट कहा जाता था। पौरव वंश के शासनकाल में सेना तीन भागों में विभाजित होती थी – गज (गजपति), अश्व (अश्वपति), पैदल (जयनपति) इस काल में भूमि कर को भाग जाता था, जो उपज…

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उत्तराखंड में प्रमुख व्यक्तियों के नाम एवं उपनाम

उपनाम मूल नाम दैवेज्ञ मुकुन्द राम बड़थ्वाल चारण शिव प्रसाद डबराल गिर्दा गिरीश तिवाड़ी कुमाऊँ की लक्ष्मीबाई जियारानी गढ़वाल की ‘झंसी की रानी’ तीलू रौतेली टिंचरी माई ठगुली देवी शिवानी गौरापंत सतपाल महराज सतपाल सिंह रावत उत्तराखण्ड का गांधी इन्द्रमणि बडोनी उत्तराखण्ड का वृक्ष मानव विशेश्वर दत्त सकलानी काली कुमाऊँ…

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