उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 7)

14 जनवरी 1948 को टिहरी के राजा नरेन्द्रशाह को अपदस्थ कर टिहरी में प्रजातंत्र की स्थापना की गयी। 6 फरवरी 1820  प्रसिद्ध पर्यटक मूरकास्ट अपने दल के साथ टिहरी पहुंचा था। 4 मार्च 1820 को ईस्ट इंडिया कंपनी के गर्वनर जनरल द्वारा सुदर्शनशाह को गढ़वाल रियासत के राजा के रूप…

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उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 6)

टिहरी का घंटाघर कीर्तिशाह द्वारा महारानी विक्टोरिया की 1897 में हीरक जयंती की याद में स्थापित किया गया। वर्ष 1920 पंडित हरिकृष्ण रतूड़ी द्वारा टिहरी में प्रथम कृषि बैक की स्थापना की गयी। वर्ष 1942 में नरेन्द्र शाह द्वारा टिहरी में कन्या पाठशाला की स्थापना की गयी। वर्ष 1897 में टिहरी में सर्वप्रथम…

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उत्तराखंड से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 4)

मुहम्मद बिन तुगलक द्वारा कुमाऊं पर विजय प्राप्त करने के लिए कुमाऊं की पहाड़ियों पर कराचिल अभियान चलाया गया था। वर्ष 1947 में आयोजित पूजा मण्डल के वार्षिक अधिवेशन के अध्यक्ष रामस्वरूप थे। ऊँटेश्वर मन्दिर समूह, उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जनपद में स्थित है। दुर्गम क्षेत्रों में इंटरनेट की उपलब्धता…

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उत्तराखंड से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 3)

रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रामगढ़ (उत्तराखंड) में गीताजंलि के कुछ पृष्ठों की रचना की गयी। सोमेश्वर मंदिर (उत्तराखण्ड) में की गई पूजा काशी विश्वनाथ मंदिर में की गई पूजा के समतुल्य मानी जाती है। कुमाऊं क्षेत्र में रणचंडी मन्दिर, अल्मोड़ा में स्थित है। अरविंद रतूड़ी (20 वर्ष में) उत्तराखंड से एवरेस्ट पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति है। उत्तराखंड…

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गढ़वाल से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 1)

उत्तराखंड में वर्ष 1967 ई. में पर्वतीय राज्य परिषद का गठन किया गया। कुणाल जातक द्वारा लिखित ग्रंथ में महात्मा गौतम बुद्ध के उषीर गिरी आने का उल्लेख मिलता है। मलारी ग्राम में महापाषाणकालीन शवधानों की खोज शिव प्रसाद डबराल द्वारा की गयी, यहाँ से 5.2 किग्रा का मुकुट मिला…

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उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 5)

पवार वंश के शासनकाल में राजस्व का प्रमुख अधिकारी को क्या कहाँ जाता था – दफ्तरी माधोसिंह भंडारी द्वारा जिसने मलेथा गूल का निर्माण किया गया। माधोसिंह भंडारी पवार वंश के शासक महीपति शाह का सेनापति था अजयपाल को पंवार वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। पंवार वंश के शासक…

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उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 4)

वर्ष 1946 में देवप्रयाग (टिहरी) में हिमालय नक्षत्र वैद्यशाला की स्थापना की गयी थी। गुरु गोविन्द सिंह और गढ़ नरेश फतेहशाह के मध्य पांवटा के निकट भगाणी नामक स्थल पर युद्ध हुआ। सुदर्शन शाह ने अपने दरबार में चैतु और माणकू नामक चित्रकारों को आश्रय दिया था। उत्तराखंड में राजस्व…

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उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 3)

पंवार शासन काल में पितृसत्तात्मक सामाजिक व्यवस्था थी। सामाजिक दृष्टि से श्रीनगर एक मुख्य नगर कौन-सा था। ब्राह्मणों एवं राजपूतों के मध्य कौन-सी विवाह पद्धति प्रचलित थी – ब्रह्मविवाह चावल, गेहूं, जौ और मडुवा पंवार वंश के शासनकाल में प्रमुख खाद्यान्न फसले थी। कृषि व पशुपालन पंवार वंश के शासनकाल…

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उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 2)

वर्ष 1519 ई. में अजयपाल की मृत्यु के पश्चात उसका पुत्र कल्याण शाह गद्दी पर बैठा। तिब्बत को पुराने समय में दाबा कहा जाता था। तिब्बत पर पहला शासक (गढ़वाल) का जिसने आक्रमण किया – विजयपाल गढ़वाल का शासक बलभद्र शाह, भीष्मचंद, बालोचंद, रुद्रचंद एवं चित्रकार मोलाराम मुग़लकालीन शासक अकबर…

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पंवार वंश के शासनकाल में रचित कुछ महत्वपूर्ण ग्रंथ

रचनाएँ लेखक प्रद्युमनो दय रामदत्त फतेहशाह यशोवर्णनम रामचन्द्र सभा भूषण हरिदत्त शर्मा रसविलास काव्य सदानन्द डबराल सुदर्शनों दय कुमुदानन्द कीर्ति विलास सदानन्द डबराल महाकाव्य कनक वंश बालकृष्ण भट्ट सुदर्शन दर्शन (कविता) मोलाराम प्रेम पथिक तोताराम गैरोला भवानी मिलाप योगेन्द्र दत्त दोर्गादली गढ़वाल वर्णन, नरेन्द्र हिन्दु लॉ हरिकृष्ण रतूड़ी मनोदय काव्य…

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